बॉलीवुड न्यूज : इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आगामी फिल्म राम सेतु ( Ram Setu ) के बारे में। आज के समय बॉलीवुड ऐतिहासिक फिल्मों को लेकर काफ़ी हद तक आगे बढ़ रहा है। पहले ऐतिहासिक घटनाओं कि जानकारी किताबों, ग्रंथों या लिखित पत्रों में पाई जाती थी। उसी साहित्यिकों के आधार पर अब उन घटनाओं पर कहानी बनाकर फिल्मों द्वारा दर्शकों को पहुचाई जाती है। बॉलीवुड के कई ऐतिहासिक फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया है। ऐसे में अभिषेक शर्मा ( Abhishek Sharma ) निदेशित और अभिनेता अक्षय कुमार ( Akshay Kumar ) इनकी आगामी फिल्म राम सेतु में भी कई प्रमाण में ऐतिहासिक बाते बताई गई है।
राम सेतु फिल्म 2022 में आनेवाली है, को अक्षय कुमार कि सबसे बड़ी फिल्म होनेवाली है। यह फिल्म भगवान राम द्वारा बनाए गए राम सेतु पर आधारित है जिसके निदेशक अभिषेक शर्मा और निर्माता अरुण भाटिया ( Arun Bhatia ) और विक्रम मल्होत्रा ( Vikram Malhotra ) है। अक्षय कुमार उनकी आगामी फिल्म राम सेतु में मुख्य भूमिका में नजर आनेवाले है। वह इस फिल्म में एक आक्रियोलॉजिस्ट कि भूमिका निभा रहे है। इस फिल्म का पहला पोस्टर भी रिलीज हुआ है। फिल्म राम सेतु का पहला पोस्टर 2020 में रिलीज हुआ। यदि आपने इस फिल्म का पोस्टर देखा होगा तो इसे देखकर यह साबित होता है कि इस फिल्म में अक्षय कुमार राम सेतु कि खोज करेंगे और उसे प्रमाणित भी करनेवाले है। जो कि एक सत्य है और आज भी राम सेतु को अंतरिक्ष से देखा जा सकता है। इस फिल्म में अक्षय कुमार का एक अलग हि अवतार देखने मिलनेवाला है जो लुक और भूमिका दोनों के लिहाज से बिल्कुल नया होगा।
बॉलीवुड कि आगामी फिल्म राम सेतु में अभिनेता अक्षय कुमार के साथ अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीस ( Jacqueline Fernandez ) और नुसरत भरूचा ( Nushrat Bharucha ) भी मुख्य भूमिका निभाए हुए नजर आनेवाली है। वह एक मजबूत और आत्मनिर्भर महिलाओं का किरदार निभा रही है। यह फिल्म इतिहास के दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण और एक अच्छी फिल्म साबित हो सकती है। आखिरकार फिल्म में क्या होनेवाला है यह आपको फिल्म देखकर हि पता चलेगा। इसीके साथ यह फिल्म 24 अक्टूबर 2022 याने कि दिवाली के दिनों में रिलीज होनेवाली है।
हम सभी भगवान राम ने बनाए हुए राम सेतु के बारे में जानते है। रामसेतु तमिलनाडु, भारत के दक्षिण पूर्वी तट के किनारे रामेश्वरम द्वीप तथा श्रीलंका के उत्तर पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के मध्य प्रभु श्रीराम व उनकी वानर सेना द्वारा सीता माता को रावण से मुक्त कराने के लिए बनाई गई एक मार्ग है। राम के बनाए इस पुल का वर्णन रामायण में तो है ही, महाभारत में भी श्री राम के नल सेतु का उल्लेख आया है। नासा और भारतीय सेटेलाइट से लिए गए चित्रों में धनुषकोडि से जाफना तक जो एक पतली सी द्वीपों की रेखा दिखती है, उसे ही आज रामसेतु के नाम से जाना जाता है। यह सेतु तब पांच दिनों में ही बन गया था। इसकी लंबाई १०० योजन व चौड़ाई १० योजन थी। इसे बनाने में रामायण काल में श्री राम नाम के साथ, उच्च तकनीक का प्रयोग किया गया था।