देश में सबसे ज्यादा सीटें आने वाले राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तो बना दिया गया और जनता ने उन्हें भली भांति स्वीकार भी कर लिया! क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया कि गोरखधाम मंदिर के मुख्य पुजारी रहे माननीय योगी आदित्य नाथ को मुख्यमंत्री जैसे खास पद के लिए चुनना ठीक था या नहीं ?
हालांकि जिन दिनों योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया उन दिनों प्रधानमंत्री का यह फैसला लोगों को हैरान कर देने वाला तो था और इससे लोग हैरान भी हुए थे! योगी आदित्यनाथ कि छवि हिंदुत्ववादी पोस्टर बॉय की बनी हुई थी और उनको प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था!
अभी हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बनाने कि बात का खुलासा करते हुए कहा कि,’ किसी ने सोचा भी नहीं था कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनेंगे! कई लोगों ने मुझसे ये तक कहा कि योगी को तो नगर निगम चलाने का भी अनुभव नहीं है, आप उन्हें मुख्यमंत्री क्यों बना रहे हैं! हां यह सही है कि उनको नगर निगम चलाने का भी अनुभव नहीं था! वह एक मंदिर के पुजारी थे ! लोगों ने मुझसे कहा आप उनको इतने बड़े राज्य की कमान क्यों सौंप रहे हैं. लेकिन पीएम मोदी और मैंने उन्हें सीएम बनाने का फैसला किया. क्योंकि वह कर्मठ हैं और उन्होंने अपने कम अनुभव को कठोर परिश्रम से कभी बाधा नहीं बनने दिया”
ज्ञात है वर्ष २०१७ में भारतीय जनता पार्टी राज्य उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद पार्टी के लिए यह बड़ा मुद्दा बन गया था कि राज्य का मुख्यमंत्री किसको बनाया जाय क्यों कि चुनाव के दौरान पार्टी ने कोई भी चेहरा घोषित नहीं किया था! और कई चर्चाओं के बाद योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया !