Media Hindustan आर. डी. बर्मन (R. D. Burman ) : बॉलीवुड में ऐसे कई संगीतकार है; जिनके गाने अभी भी फिल्मों में हमे देखने मिलते हैं । उनमें से कई गानों के रिमेक भी बनाया गया है। परंतु लोगों ने उसी ओरिजनल गानों को ही पसंदी दिखाई है। आज इस लेख द्वारा हम आपको ऐसे ही एक 1966 के मशहूर संगीतकार, गायक और निर्माते के बारे में बताने वाले है। वह है आर. डी. बर्मन (R. D. Burman ) आपको पता होगा की आर. डी. बर्मन. इनका पूरा नाम राहुल देव बर्मन ( Rahul Dev Burman ) है; परंतु उन्हें ज्यादातर पंचम दा ( Pancham Da )नाम से ही जाना जाता है। क्या आप जानते है, आर. डी. बर्मन इन्हे पंचम दा नाम कैसे मिला।
आर. डी. बर्मन यानी की पंचम दा का जन्म कोलकाता में हुआ था। और मानो बचपन से ही उनमें संगीतकार की खूबी नजर आती थी। बचपन में जब ये रोते थे, तो पंचम सुर की ध्वनि सुनाई देती थी, जिसके चलते इन्हें पंचम कह कर पुकारा गया। पंचम दा के पिता सचिन देव बर्मन ( Sachin Dev Burman ), जो खुद हिंदी सिनेमा के बड़े संगीतकार थे। इन्होंने बचपन से आर. डी. बर्मन को संगीतकार के रूप में देखा।
आर. डी. बर्मन (R. D. Burman) ने केवल 9 साल की उम्र में ही अपना पहला संगीत ” ऐ मेरी टोपी पलट के ” को दिया, जिसे फिल्म ‘ फंटूश ‘( Funtoosh) में उनके पिता ने इस्तेमाल किया। और उसकी दौरान उन्होंने और एक धुन तैयार की। सर जो तेरा चकराए…… की धुन तैयार कर लिया जिसे गुरुदत्त की फिल्म ‘ प्यासा ‘ ( Pyasa ) में लिया गया। आगे जाके आर. डी. बर्मन ने अपने करियर में हिंदी के अलावा बंगाली, तामिल, तेलुगु और मराठी में भी काम किया।
70 के दशक के आरंभ में आर. डी. बर्मन भारतीय फिल्म जगत के एक लोकप्रिय संगीतकार बन चुके थे। उन्होंने कई बड़े बड़े कलाकारों के साथ काम किया। उन्होंने लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar ), आशा भोंसले (Asha Bhosle ), मोहमद्द रफी ( Mohammad Rafi ) और किशोर कुमार ( Kishore Kumar ) जैसे बड़े कलाकारों से अपने फिल्मों में गाने गवाए। 1970 में उनकी फिल्म ‘कटी पतंग’
( Kati Patang ) फिल्म सफल रही। जिनमें उन्होंने संगीत दिया था। उसके बाद उन्होंने यादो की बारात Yaadon ki Baraat ), हीरा पन्ना
( Heera Panna ), अनामिका ( Anamika ) जैसे बड़े फिल्मों को संगीत दिया। आर. डी. बर्मन कि आखरी फिल्म 1942 : अ लव स्टोरी रही (1942 : A Love Story ) जिनमें उन्होंने संगीत दिया था। और साल 1994 में इस महान संगीतकार का देहांत हो गया।
आर. डी. बर्मन (R. D. Burman) भारतीय सिनेमा के लिया भगवान जैसे थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने भारतीय सिनेमा को हर तरह संगीत दिया। आज के युग में के लोग भी उनके संगीत को पसंद करते हैं। उन्होंने तीसरी मंजिल ( Teesri Manzil ), पड़ोसन ( Padosan ), हरे रामा हरे कृष्णा ( Hare Rama Hare krishna ), अमर प्रेम (Amar Prem ), सीता और गीता ( Seeta aur Geeta ), मेरे जीवन साथी ( Mere Jeevan Saathi ), शोले ( Shole ), दीवार ( Deewar ), नौकर ( Noukar), हम किसीसे काम नही, (Hum Kisise Kum Nahin ) खूबसूरत ( Khubsurat ), कालिया (Kaliya ), नरम गरम ( Naram Garam ) , नमकीन ( Namkeen ), तेरी कसम ( Teri Kasam ), पुकार ( Pookar), परिंदा ( Parinda ), 1942: अ लव स्टोरी ( 1942: A Love Story ) इन सभी सुपरहिट फिल्मों को उन्होंने संगीत दिया। आज भी फिल्म उद्योग में उनके संगीत को अच्छे से इस्तमाल किया जाता है।