प्रसिद्ध अभिनेता और भारतीय टेलीविज़न पर ‘भीष्म पितामह’ के रूप में अमर हो चुके मुकेश खन्ना ने हाल ही में लेखक व निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह द्वारा लिखित पौराणिक पुस्तक “सात्यकि: द्वापर का अजेय योद्धा” का अनावरण किया। यह कार्यक्रम मुंबई में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान संपन्न हुआ।
पुस्तक ‘सात्यकि’ जैसे महाभारत के उस योद्धा की कथा को केंद्र में रखती है, जिनकी वीरता तो अपार थी लेकिन इतिहास में उनका उल्लेख सीमित रहा। कुल 32 अध्यायों में विभाजित यह रचना महाभारत के युद्धों से लेकर सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग तक की घटनाओं को एक साथ समेटती है।
इस अवसर पर मुकेश खन्ना ने कहा:
“यह पुस्तक एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण प्रयास है। सात्यकि जैसे योद्धा को साहित्य में स्थान देना एक ऐतिहासिक कार्य है। मैं इस पुस्तक को पूरा पढ़ना चाहूंगा।”
कार्यक्रम के दौरान लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह ने पुस्तक से एक प्रसंग सुनाया, जिसमें भीष्म और सात्यकि के बीच हुआ संवाद दर्शाया गया था। इस अंश को सुनकर मुकेश खन्ना भावुक हो उठे और उन्होंने पुस्तक की लेखन शैली तथा ऐतिहासिक शोध की विशेष प्रशंसा की।
दुष्यंत प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुस्तक का डिजिटल संस्करण अमेज़न, गूगल बुक्स जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर पहले ही जारी किया जा चुका है और इसका ऑडियोबुक संस्करण भी श्रोताओं में लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तक में भगवान कल्कि अवतार से जुड़ी शास्त्रों पर आधारित भविष्यवाणियों को भी समाविष्ट किया गया है।
“सात्यकि: द्वापर का अजेय योद्धा” को पाठकों और समीक्षकों दोनों से सराहना मिल रही है। यह पुस्तक भारतीय पौराणिक साहित्य में एक नवीन प्रयोग के रूप में देखी जा रही है, जो गूढ़ विषयों को आधुनिक पाठक की रुचि के अनुरूप सहज भाषा में प्रस्तुत करती है।