कोविड-19 के कारण पुरी कस्बे के जगन्नाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद होने के 9 महीने बाद शनिवार को मंदिर प्रशासन ने 23 दिसंबर से इस मंदिर को क्रमिक तरीके से श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया।
जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों की शीर्ष संस्था छतिसा निजोग की सिफारिश के बाद मंदिर प्रशासन ने अगले सप्ताह ओडिशा सरकार को प्रस्ताव भेजकर 12वीं सदी के इस मंदिर को फिर से खोलने की सिफारिश करने का फैसला किया है। मंदिर के कपाट 20 मार्च से बंद हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि पुरी के श्रद्धालुओं को पहले चरण में 5 दिनों के लिए अनुमति दी जाएगी और इसके बाद राज्य के बाकी हिस्सों के लोग आएंगे ।
पुरी के निवासियों को 31 दिसंबर तक भगवान के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। सभी भक्तों के लिए मंदिर को 3 जनवरी से खोला जाना प्रस्तावित है। डॉ. कुमार ने कहा कि 3 जनवरी से मंदिर में प्रवेश के लिए कोविड -19 नकारात्मक प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा और मंदिर के सेवादारों और कर्मचारियों का पहचान पत्र होना चाहिए। तीन जनवरी से अधिकतम 5,000 भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंदिर के सभी चार द्वारों को साफ करने के लिए एसजेटीए आवश्यक कदम उठाएगा। मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए देवताओं के दर्शन के लिए मास्क और सैनिटाइज़र अनिवार्य होगा। उन्होंने 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और बच्चों से कोविड -19 महामारी के कारण मंदिर न जाने का आग्रह किया।