कंगना रनौत अपनी फिल्म इमरजेंसी को लेकर विवादों में बनी हुई हैं। वह इस फिल्म के जरिए 1975 में लगे आपातकाल की कहानी और इंदिरा के स्ट्रगल को दिखाएंगी। फरीदकोट के निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने इस फिल्म को लेकर आपत्ति जताई है। आपको बता दे सरबजीत सिंह खालसा इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड बेअंत सिंह के बेटे हैं। बेअंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
फेसबुक पोस्ट के जरिए जताई आपत्ति
सरबजीत सिंह फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए लिखते हैं कि यह फिल्म सिख समुदाय को गलत दिखाने का प्रयास कर रही है, जो कि आगे चलकर मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
उन्होंने लिखा, “रिपोर्ट्स हैं कि नई फिल्म इमरजेंसी में सिखों का चित्रण गलत तरह से किया जा रहा है। इसकी वजह से डर है कि समाज में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। अगर सिखों को इस फिल्म में अलगाववादियों और आतंकवादियों के रूप में दिखाया गया है तो ये गहरी साजिश है। ये फिल्म सिखों के खिलाफ दूसरे देशों में नफरत फैलाने के लिए मनोवैज्ञानिक अटैक है, जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए और रोकना चाहिए।”
वह आगे लिखते हैं, “सिखों पर देश में होने वाले नफरत भरे हमलों की खबर अक्सर सामने आती है। ऐसे में ये फिल्म भी सिख समुदाय के खिलाफ नफरत को भड़काने का काम करेगी। सिख समुदाय ने इस देश के लिए बड़े बलिदान दिए हैं, जिन्होंने फिल्मों में पूरी तरह से दिखाया नहीं गया है। लेकिन सिखों को बदनाम करने की हर कोशिश यहां की जाति है। सामुदायिक सामंजस्य और कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आपत्तिजनक फिल्मों और गानों को बैन कर दिया जाना चाहिए। मैं हमेशा समाज में शांति बनाए रखने के लिए ऐसी असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाकर उन्हें रोकने की कोशिश करता हूं।”