दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हुआ है. लंबे समय से बीमार चल रही शीला दीक्षित का एस्कार्ट अस्पताल में शनिवार 3:55 पर निधन हो गया. दीक्षित 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही है. खबर के बाद दिल्ली सरकार ने राजकीय शोक का ऐलान किया है. उनका अंतिम संस्कार रविवार निगम बोध घाट पर किया जाएगा अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को निजामुद्दीन स्थित घर में रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “पूरे परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं दिल्ली के विकास में उनका योगदान हमेशा याद रहेगा”. शीला दीक्षित के अंतिम दर्शन के लिए पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, सोनिया गांधी, किरण बेदी, सीएम केजरीवाल ,केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आदि पहुंचे.
मॉडर्न दिल्ली के लिए शीला दीक्षित का अभूतपूर्व योगदान
शीला दीक्षित लंबे समय तक दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी रही और इस कार्यकाल में उन्होंने सीएनजी से चलने वाली बसें. क्लीन एनर्जी , चौड़ी सड़कें और दिल्ली मेट्रो ने तो दिल्ली की जनता के लिए संजीवनी का काम किया है. 24 दिसंबर 2002 को शाहदरा से तीस हजारी के बीच दिल्ली की पहली मेट्रो सेवा चली थी .इसके बाद यह दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण परिवहन सेवा बन चुकी है.
कांग्रेस के लिए एक और नई चुनौती
शीला दीक्षित की आकस्मिक मृत्यु के बाद कांग्रेस जो कि पहले से ही बहुत कमजोर स्थिति में चल रही है एक और नई चुनौती यह होगी कि दिल्ली कांग्रेस की बागडोर अब किसे सौंपी जाए.फिलहाल दिल्ली कांग्रेस में एक भी ऐसा चेहरा दिखाई नहीं देता जो शीला दीक्षित के स्थान पर प्रतिनिधित्व कर सके. अब देखना यह है कि नया विकल्प दिल्ली कांग्रेस के लिए कितना कारगर सिद्ध होगा.