हाल ही में रिलीज हुई Film Kabaad The Coin के Writer (Shahzad Ahmed) शहज़ाद अहमद की कहानी खुद उनकी जुबानी.
जीवन में इच्छाशक्ति,जुनून और लगन से कुछ भी संभव है इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले भदोही के रहने वाले शहज़ाद अहमद ने,बचपन अभाव में बीता,एक साधारण परिवार से निकलकर आज बॉलीवुड की बड़ी फिल्में मांझी द माउंटेन मैन,कबाड़-द क्वाइन,दशहरा,गुलमोहर में बतौर लेखक और अभिनेता के तौर पर इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
शहज़ाद के मानें तो गांव से निकलकर दिल्ली रंगमंच और फिर ड्रामा स्कूल मंडी नाट्य विद्यालय हिमाचल प्रदेश से मुंबई मायानगरी तक का सफर इतना आसान नहीं था कई सालों तक हर दिन संघर्ष से भरा था लेकिन मेरा जुनून,सीखने की दिलचस्पी और कुछ कर दिखाने की ललक के कारण ही आज मैं सफलता की ओर आगे बढ़ रहा हूं।
Writer Shahzad Ahmed की प्रारंभिक शिक्षा से ग्रेजुएशन तक भदोही से ही हुई है बाद में इन्होंने नाट्य शिक्षा के लिए दिल्ली और ड्रामा स्कूल मंडी हिमाचल प्रदेश का रुख किया किया।
शहज़ाद आज भी अपने उस सीनियर साथी स्वतंत्र मौर्य का याद करते हैं जिन्होंने उन्हें गांव से निकलकर फिल्मों में ट्राई और ड्रामा स्कूल ज्वाइन करने की नसीहत दी थी।
Shahzad Ahmed पुरानी यादों को ताजा कर काफी भावुक हो जाते हैं जब उनके पास ड्रामा स्कूल मंडी नाट्य विद्यालय में फीस देने के पैसे नहीं थे। पहले, दूसरे और तीसरे सेमेस्टर में तो खुद जुगाड़ कर लिया उनके अब्बा ने इसके लिए खेत गिरवी रख दिया, लेकिन चौथे सेमेस्टर में फीस नहीं देने के कारण नाट्य विद्यालय से निकाल दिया तो वो दिल्ली वापस आने लगे तभी उनके दोस्त मनीष जोशी ने सभी साथी से दो-दो सौ रुपए चंदा करके फीस जमा किया।
शहज़ाद कहते हैं आज मैं जहां हूं इसमें मेरे दोस्तों का साथ, बार-बार कर्ज देने की उनकी फितरत, मेरा जुनून मेरा परिवार का हर कठिन परिस्थिति में साथ देने के कारण है।
शहज़ाद आगे बताते हैं कि रंगमंच ने मुझे अच्छा रंगकर्मी,कलाकार तो बनाया ही साथ ही रंगमंच ने मुझे एक अच्छा इंसान बनने में काफी मदद किया और जीवन में। एक अच्छा इंसान ही अच्छा लेखक,अच्छा अभिनेता,अच्छा निर्देशक बन सकता बन सकता है।
शहज़ाद आज भी ड्रामा स्कूल मंडी,दिल्ली रंगमंच की दुनिया को बहुत मिस करते हैं और बताते हैं कि जुनून ही था कि दिन भर कड़ी ड्यूटी करने के बाद शाम को फिर नई ऊर्जा के साथ नाटकों की रिहर्सल के लिए निकल जाता था।
रंगमंच से फिल्मों में आने के सफर को लेकर शहज़ाद ने बताया कि मैंने पहले ही यह तय कर लिया था कि आना तो फिल्मों में ही इसलिए मैंने रंगमंच से निकलकर मुंबई का रुख किया और फिल्मों में अपने आप को बतौर लेखक व अभिनेता के तौर पर स्थापित किया।
ज्ञात हो कि शहज़ाद की बतौर लेखक और अभिनेता एम एक्स प्लेयर पर हालिया रिलीज फिल्म “कबाड़-द क्वाइन” (Film Kabaad The Coin) दर्शकों को बहुत पसंद आ रही है इसके अलावा इस साल शहज़ाद की एक और महत्वकांक्षी फिल्म रिलीज को तैयार है।