Lakshmi Puja in Diwali 2023 : दीपावली (दिवाली) 2023 का त्योहार नजदीक आ रहा है, और इस दिन हर घर में धन की देवी माता लक्ष्मी और बुद्धि के देवता श्री गणेश की पूजा की जाती है। इसे मान्यता है कि इस दिन की पूजा से पूरे वर्ष में धन और समृद्धि मिलती है। आइए जानें, कैसे करें इस दिन पूजा।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए सामग्री
लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति)
गणेशजी की मूर्ति
सरस्वती का चित्र
चाँदी का सिक्का
लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र
जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
धूप बत्ती (अगरबत्ती)
चंदन
चावल
अबीर
गुलाल, अभ्रक
हल्दी की गांठ
सौभाग्य द्रव्य- मेहंदी, चूड़ी, काजल, पायजेब,बिछुड़ी आदि आभूषण
र्रुई
रोली, सिंदूर
सुपारी, पान के पत्ते
पुष्पमाला, कमलगट्टे
पंच मेवा
गंगाजल
शहद (मधु)
शकर
शुद्ध घी
दही
दूध
ऋतुफल (गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
नैवेद्य या मिठाई (पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
इलायची (छोटी)
लौंग
मौली
इत्र की शीशी
तुलसी दल
सिंहासन (चौकी, आसन)
पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि)
सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
लाल कपड़ा (आधा मीटर)
पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
दीपक
बड़े दीपक के लिए तेल
ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
श्रीफल (नारियल)
धान्य (चावल, गेहूँ)
लेखनी (कलम)
बही-खाता, स्याही की दवात
तुला (तराजू)
पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
एक नई थैली में हल्दी की गाँठ,
खड़ा धनिया व दूर्वा आदि
खील-बताशे
अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
कलश स्थापना
पहले एक चौकी पर लक्ष्मी , सरस्वती और गणेशजी की मूर्तियां इस तरह रखें कि लक्ष्मीजी के दाएं ओर गणेशजी हों। इसके बाद चौकी पर कलश की स्थापना करें और उस पर नारियल रखें।
दीपकों की व्यवस्था
घी और तेल से भरे दो बड़े दीपक लें। एक दीपक को मूर्तियों के पास और दूसरा दीपक चौकी के दाएं ओर रखें।
पूजा विधि
शुभ मुहूर्त में जल, चावल, मौली, अबीर, चंदन, फूल आदि से पूजा शुरू करें। श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त और पुरुष श्रीसूक्त का पाठ करें।
व्यापारी के लिए टिप्स
अगर आप व्यापारी हैं, तो बही-खाता की भी पूजा करें और नये लेख-जोख की शुरुआत करें।
व्यापारी जरूर गल्ले की पूजा करें।
दीपक की व्यवस्था
तेल के दीपकों को पूरे घर, तिजोरी, आंगन और बालकनी में जलाकर रखें, ताकि कहीं भी अंधकार न हो
दिवाली 2023: माता लक्ष्मी की पूजा की सही विधि और मंत्र
पूजा का आरंभ:
2023 में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का स्वागत कैसे करें? सबसे पहला कदम होगा माता का ध्यान करना। ‘ऊं या सा पद्मासनस्था…’ के मंत्र से माता की प्रतिष्ठा करें।
प्रतिष्ठा और स्नान:
मंत्रों का उच्चारण करते हुए अक्षत लें और माता को स्नान कराएं। “ऊं मन्दाकिन्या समानीतैः…” के मंत्र से स्नान कराएं।
श्रृंगार:
“इदं रक्त चंदनम्” और “इदं सिन्दूराभरणं” मंत्र के साथ चंदन और सिन्दूर लगाएं।
पुष्प और वस्त्र समर्पण:
“ऊं लक्ष्म्यै नमः, पुष्पाणि समर्पयामि” के मंत्र से पुष्प और वस्त्र चढ़ाएं।
देवी लक्ष्मी के अंग पूजन और अष्टसिद्धि का पूजन
अंग पूजा:
ऊं चपलायै नम: पादौ पूजयामि… के मंत्रों से अंगों की पूजा करें।
अष्टसिद्धि पूजन:
“ऊं अणिम्ने नम:…” के मंत्र से आठ सिद्धियों की पूजा करें।
प्रसाद और भोज:
“इदं नानाविधि नैवेद्यानि” और “इदं शर्करा घृत समायुक्तं नैवेद्यं” मंत्र के साथ प्रसाद और भोज अर्पित करें।
क्षमा और आरती:
पूजा के अंत में क्षमा मांगें और आरती उतारें। इसके बाद प्रसाद वितरित करें।