दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए जिओ लेंगे पैसे
JIO टू JIO नेटवर्क पर कॉलिंग फ्री रहेगी. लेकिन दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए अब पैसे देने होंगे जिओ को. किसी दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए यूजर्स को 6 पैसे प्रति मिनट की दर से भुगतान करना पड़ेगा .
अब ग्राहकों को JIO से दूसरे नेटवर्क में कॉलिंग के लिए IUC टॉप अप रिचार्ज करवाना होगा JIO ने कहीं है यह बात. डेटा के लिए रिचार्ज करना होता था और कॉलिंग और S.M.S की सेवा फ्री मिलती थी. 5 सितंबर 2016 को टेलीकॉम सेक्टर में JIO की एंट्री हुई थी. 2016 से 2019 तक JIO कंपनी कॉलिंग की सेवाएं फ्री दे रही है अब तक.
क्या है JIO के नए प्लान
JIO के नेटवर्क पर और लैंडलाइन पर कॉलिंग फ्री रखी गई है. अगर आप JIO के नेटवर्क से किसी दूसरे नेटवर्क पर कॉल करना चाहते हैं तो अलग से (IUC) टॉप-ऑफ वाउचर से रिचार्ज करना होगा इसकी शुरुआती कीमत ₹10 से होगी.
149 रुपए का मंथली प्लान यूज करते हैं तो अब आपको जिओ के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए नए टॉप अप रिचार्ज को खरीदना होगा. आपको बता दें यह नए टॉप ऑफ वाउचर रिचार्ज आपको मंथली प्लान के होंगे. नए टॉप अप वाउचर रिचार्ज मंथली प्लान के होंगे.
साथ ही आपको एडिशनल डेटा भी मिलेगा. लेकिन ध्यान रहे आपको दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 6 पैसे प्रति मिनट की दर से भुगतान करना होगा.
क्यों लेगा चार्ज
हाल ही में TRAI ने रिव्यू के लिए (IUC) से जुड़ा कंसल्टेशन पेपर मांगा है. इसकी अवधि बढ़ाने के लिए. ट्राई की ओर से 2017 में आईयूसी चार्ज 6 पैसे प्रति मिनट तय की गई थी. और कहा गया था कि 1 जनवरी (2020) तक इसे खत्म कर दिया जाएगा. तब तक JIO कंपनी ने कॉलिंग फ्री रखा था.
फिलहाल JIO ने कहा है कि यह एक अस्थाई कदम है और (IUC) के खत्म होते ही कॉलिंग को फिर से दोबारा फ्री कर दी जाएगी. इसी वजह से दबाव बढ़ने के बाद JIO ने फ्री कॉलिंग बंद करने का फैसला किया है.
IUC के बारे में समझे
किसी एक टेलीकॉम नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग करने पर ट्राई (TRAI) की ओर से तय की गई फीस का भुगतान JIO कंपनी को करना पड़ता है. आउटगोइंग कॉल के लिए ऐसे में एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में कॉल किए जाते हैं.उससे सामने वाले नेटवर्क को आईसीयू फीस का भुगतान देना पड़ता है. का फुल फॉर्म है (इंटरकनेक्शन यूजेस चार्ज).
जिओ के नए फैसले की वजह IUC है
सभी नेटवर्क में कॉल की संख्या अगर बराबर हो तो भुगतान की रकम बराबर हो जाती है. लेकिन संतुलन तब बिगड़ता है जब एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर ज्यादा कॉल किए जाए और केवल एक ही नेटवर्क IUC चार्ज ज्यादा देना पड़े कंपनियों को एक दूसरे के नेटवर्क पर किए जाने वाले कॉल के आधार पर भुगतान करना होता है.