इमरान ख़ान रविवार को ईरान के एक दिवसीय दौरे पर थे. सऊदी और ईरान के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए पाक पीएम मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं. जहा इमरान ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और वहाँ के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयतोल्लाह ख़मेनई से मुलाकात की . यहाँ इमरान ख़ान ने कई मुद्दों को मीडिया के सामने रखा. इसमें उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया.
अमेरिका ने पाकिस्तान को ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव को कम करने के लिए शांतिदूत की भूमिका निभाने का आग्रह किया था. अमेरिका में इमरान की बेइजती के बाद यह उनके लिए सांत्वना पुरस्कार पाने जैसा मौका जरूर था. बता दे की कुछ समय से खाड़ी देशों में बहुत अधिक तनाव देखने को मिल रहा है. सऊदी अरब के कई तेल ठिकानों पर अटैक के कारण उत्पादन घटकर 5.7 मिलियन बैरल तक पहुच गया है. इन हमलो के कारण अमेरिका ईरान से नाराज नजर आया था.
कश्मीर के मुद्दे पर भी बोले इमरान खान, हसन रूहानी ने किया नजरअंदाज.
इमरान ख़ान ने कहा, ”कश्मीर में 80 लाख लोग पिछले 68 दिनों से कर्फ़्यू के कारण अपने घरों में बंद हैं. उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए भी धन्यवाद दिया. और कहा की कश्मीर का मामला मानव अधिकारों के खिलाफ है. ईरान की तरह हर देश को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. हालांकि हसन रूहानी ने इस न्यूज़ कॉन्फ़्रेंस में कश्मीर का कोई ज़िक्र तक नहीं किया