Haribhoomi प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ( Dr. Himanshu Dwivedi ) ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत की। दरसल जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली एक शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह बैठक 24 जून को होनी है। केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को तेज करते हुए केंद्र सरकार ने वहां के प्रमुख दलों को परिसीमन से जुड़ी प्रक्रिया पर चर्चा और उसे आगे बढ़ाने के लिए न्योता दिया है। परिसीमन की प्रक्रिया से विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन किया जा सकेगा। यह आगे विधानसभा चुनाव कराने की तरफ पहला कदम सिद्ध हो सकता है…
कार्यक्रम ‘चर्चा’ में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने पीडीपी स्टेट सेक्रेटरी शेख नासिर हुसैन, बीजेपी जम्मू कश्मीर प्रवक्ता डॉ ताहिर चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी कुमार और जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रवक्ता रविंद्र शर्मा से खास चर्चा की। खास कार्यक्रम के दौरान इन मेहमानों से कई सवाल पूछे… जम्मू-कश्मीर में कुछ बदलने को है ?
24 जून को पीएम मोदी की बैठक 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जम्मू-कश्मीर के राज्य की बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस बैठक के लिए आमंत्रित लोगों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला शामिल हैं। साथ ही महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद भी हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीएम मोदी बैठक में उपस्थित होने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के रोडमैप पर चर्चा करेंगे। क्योंकि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को बहाल करने पर चर्चा को खारिज कर दिया गया है। अब निरस्त कानून जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। 5 अगस्त 2019 को इस कानून को रद्द कर दिया गया और तत्कालीन राज्य को दो भागों में बांट दिया। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है।