वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के पीडितों को समाज में आजकल जहाँ अलग ही दृष्टि से देखा जा रहा है वहीं दूसरी ओर दिल्ली करावल नगर विधानसभा क्षेत्र दयालपुर के निवासी लाल सिंह रावत(लक्की) लोक नायक हास्पिटल दिल्ली में इस महामारी से संक्रमित व्यक्तियों की दिन रात निस्वार्थ भाव से मदद करके मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं, जबकि वह खुद कोरोना पाजिटिव पाये जाने के उपरांत यहाँ भर्ती हुए थे|
लाल सिंह रावत दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र दयालपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं| वह एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता हैं Lockdown के समय जनता की सेवा और खानपान और राशन बाटते वक्त लाल सिंह रावत किसी व्यक्ति के संपर्क में आ गए थे। उनको लगा की मुझे Covid 19 टेस्ट करना चाहिए।
लाल सिंह रावत पर जैसे ही इस महामारी की पुष्टि हुई वह दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल में एडमिट हो गए और हॉस्पिटल से फ़ोन करके अपने परिवार का हौसला बढ़ाने के साथ साथ मार्गदर्शन भी करते रहे “घबराना नहीं लड़ना है डरना नहीं कोरोना को हराना है।
लाल सिंह रावत ने अपने परिवार के लोगों से कहा कि हॉस्पिटल आने की जरुरत नहीं सभी घर में क्वारंटाइन रहें, हमको कुछ नहीं होगा, जब उन्होंने देखा कि हॉस्पिटल में कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की देखभाल ठीक तरह से नहीं हो पा रही है न चिकित्सक और न सहायक कर्मचारी कोई भी पास आने को राजी नहीं थे बाहर से किसी को भी अंदर या बाहर जाना सख्त मना था। बहुत से मरीज ऐसे भी थे जो ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे न ही चल पा रहे थे, उनका खाना, पानी, दवाई इत्यादि से किसी को कोई मतलब नहीं था, लाल सिंह रावत ने हॉस्पिटल की ये दुर्दशा देखीं तो वो स्वयं को रोक नहीं पाये और उसी दिन मन बना लिया कि जब तक मैं यहां हूँ इन सबकी देख रेख दिन रात करूंगा और किसी से भेद भाव नहीं करूंगा बल्कि सबकी सेवा और देखभाल करुंगा।
कहते हैं जब मन मे किसी कार्य को करने का दृढ संकल्प हो तो कुछ भी करना नामुमकिन नहीं है। लाल सिंह रावत ने वह करके दिखाया जिसकी हॉस्पिटल में कल्पना करना भी मुमकिन नहीं था। इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल की कुछ फोटो और वीडियो भी अपने कमरे में कैद की।
ऐसी स्थिति में जहाँ लोग अपने जीवन की आस खो रहे थे वहीं लाल सिंह रावत ने ग़जब का हौसला दिखाया एवं विपरीत परिस्थितियों के बावजूद संक्रमित हुए व्यक्तियों की मदद में लग गए| जहाँ आवश्यक पी पी ई किट पहन कर भी Covid-19 के वारियर्स के मन में भय बना हुआ था वहीं लाल सिंह रावत बिना आवश्यक उपकरणों के अपनी सेवाओं से सबका दिल जीत रहे थे व मरीजों की सेवा कर रहे थे| लाल सिंह रावत अपनी सेवा के दौरान कोरोना से संक्रमित मरीजों का मनोबल और हौसला भी बढ़ाते थे| उन्होंने अपने सेवा कार्यों से अस्पताल के सभी मरीजों और चिकित्सा कर्मियों का दिल जीत लिया। उनके इस कार्य की चिकित्सा कर्मियों ने भी बहुत सराहना की और उनके जज्बे को सलाम किया| लाल सिंह रावत ने अपने साहस, सेवा, समर्पण व कभी ना हार मानने वाले जज्बे का जिस तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी वह हम सब के लिए अनुकरणीय है।