शिशु जब अपनी मां की कोक से जन्म लेता है, तो उसे जरूरत होती है, स्तनपान ( Breastfeeding ) की। हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह ( World Breastfeeding Week ) मनाया जाता है। इस सप्ताह को पहली बार 1991 में मनाया गया था। इसलिए अगस्त महीने का पहला सप्ताह विश्व स्तनपान सप्ताह नाम से मनाया जाता है।
हर महिला के जीवन का सबसे खास पल उसका मातृत्व होता है, जो उसके स्त्रीत्व को पूरा करता है। बच्चे के जन्म के बाद मां का दूध उसके शिशु के लिए अमृत के समान होता है। मां के स्तन से स्त्रावित पहले दूध के पोषण मूल्य की तुलना मां और शिशु के स्वास्थ लाभ से नहीं की जा सकती।
मां के दूध के वजह से शिशु का कुपोषण और दस्त इस गंभीर बीमारियो से रक्षण होता है। इसीके साथ स्तनपान के वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और प्री – मोनोपॉजल गर्भाशय कैंसर का धोखा भी कम होता है। डाक्टर हमेशा नवजात शिशु के लिए मां का दूध पिलाने की सलाह देते है। क्योंकि नवजात शिशु के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है।
इसलिए शिशु के जन्म के बाद शिशु को मां का दूध देना बहुत जरूरी है। मां के दूध में एंटी – ऑक्सीडट्स जरूरी पोषक तत्व पाए जाते है। इससे शिशु के पूरे शरीर का विकास होने में सहायता होती है। इसीके साथ मां का दूध शिशु के लिए उत्तम आहार है।
हम सभी को पता है, कोरोना वाइरस का संकट अभी तक खत्म नहीं हुआ है। दिन भर दिन इस वाइरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना वाइरस के साथ डेल्टा, ब्लैक फंगस जैसे वाइरस के फैलने का स्तर बढ़ रहा है। इसलिए हमे इस बीमारियों से दूर ही रहना है। इस वाइरस का धोखा गर्भवती महिलाओं के लिए भी है। इसलिए शिशु को स्तनपान देते वक्त मां को यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है।
बीमारियों का खेल अभी तक खत्म नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए शिशु को स्तनपान देते वक्त मां ने अपने हाथ साफ़ धोना जरूरी हैं। कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोइए। आप सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते है। और यदि आप कोरोना संक्रमित है, तो तुरंत डाक्टर की सलाह ले, और उसके बाद ही शिशु को स्तनपान दीजिए। हमेशा मास्क लगाकर रखिए। जिससे नवजात शिशु को संक्रमण का धोखा कम हो।