मुंबई: आम लोगों के जीवन में सब्जी की कीमत बहुत अधिक महत्व रखती है. कई बार यह पाया गया है कि सब्जी के भाव चुनाव और नेताओं की कुर्सियों तक को हिला देते हैं. क्योंकि यह जन सामान्य की दैनिक आवश्यकता है. इस कारण इनकी कीमतों में स्थिरता और बजट में होना बहुत आवश्यक है. कुछ महीनों पहले टमाटर 20 से 30 रुपए किलो तक बिक रहा था. परंतु कुछ दिनों से ₹60 से ₹100 किलो तक टमाटर की बिक्री हो रही है.
मुंबई गोरेगांव में मीडिया हिंदुस्तान के एक सर्वे में पाया गया कि कई छोटे दुकानदारों ने तो टमाटर रखना ही बंद कर दिया है. दुकानदारों का कहना है कि अगर वे टमाटर ले भी आए और भाव में तेजी के कारण टमाटर ना बेच सकें तो उनके सप्ताह भर की कमाई टमाटर की वजह से समाप्त हो सकती है. प्याज को तो कुछ दिनों तक स्टोर भी किया जा सकता है. परंतु टमाटर कुछ ही दिनों में खराब हो जाते हैं इस कारण इनका स्टॉक करना कठिन है.
जब महिलाओं से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि सब्जियों के भाव सरकार और नेताओं को केवल चुनावी वादों में याद रहते हैं अपना दर्द बताते हुए एक ग्रहणी ने बताया कि प्याज के भाव ने पहले ही आंखों में आंसू ला रखे हैं. और अब टमाटर खरीदना सेब खरीदने से भी कठिन हो गया है. पहले नवरात्रि,दशहरा अब दीपावली जैसे त्योहारों में सब्जी के भाव बढ़ना आम परिवारों के लिए बहुत बड़ी समस्या है.
सब्जी के भाव बढ़ने का मुख्य कारण पूरे देश में बाढ़ को माना जा रहा है. हाल ही में लगभग सभी राज्यों में अतिवृष्टि के कारण सब्जियों की खेती समाप्त हो गई. जैसे ही सब्जी के नए पौधे और खेत तैयार होंगे सब्जी कीमतें वापस सामान्य हो जाएगी.