बॉलीवुड एक्टर्स अक्सर फिल्म की शूटिंग के लिए विदेश जाते हैं। वहां उनके साथ कई ऐसे मजेदार किस्से होते हैं जो कि उस समय सभी को डरा देतें हैं लेकिन बाद में उन्हें सोच कर बड़ा मजा आता है। ऐसे ही एक किस्से का जिक्र अरशद वारसी करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे एक बार बैंकॉक में शूटिंग के दौरान संजय दत्त को 2 गुंडो ने डॉन समझ लिया था।
अरशद बताते हैं ऐसा तब हुआ था जब वह, संजय दत्त और अनुषा दांडेकर ‘एंथोनी कौन है’ की शूटिंग के लिए बैंकॉक गए थे। उन्होंने आगे बताया कि एक बार वह सब शूटिंग खत्म करके बाहर घूमने जा रहे थे तब दो गुंडे अनुषा के साथ रास्ते में बदतमीजी करने लगे थे। जिसके बाद उनके और गुंडों के बीच झड़प हो जाती है और जब संजय दत्त उनकी मदद के लिए आगे आते हैं तब गुंडे उन्हें डॉन समझ कर भाग जाते हैं।
समधीश भाटिया के साथ बातचीत में अरशद वारसी ने बताया, “एक फिल्म किया था हमने, ‘एंथनी कौन है?’ हम लोग बैंकॉक में शूट कर रहे थे। पैक अप के बाद, संजू का एक दोस्त है बिट्टू, हम सब निकले खाना खाने। अनुषा दांडेकर, वो भी थी फिल्म में। मैं थोड़ा आगे चल रहा था, संजू और बिट्टू थोड़े पीछे चल रहे थे। अनुषा भी ऐसे आगे चल रही थीं। दो गोरे वहां पर उसको देखे और किसी ने कुछ कमेंट किया।”
“तो मैं आया और वो अच्छे लम्बे चौड़े थे। मेरे लिए सब लम्बे चौड़े हैं। तो वो लोग थोड़े पी पा के ताव मैं आ गए थे। अचानक ऐसा लगा कि हम झगड़ने वाले हैं। तो मैं भी ताव मैं खड़ा हो गया। तभी पीछे से अचानक फिर दो और आ गए, तो संजू और बिट्टू भी आए। संजू भी पहाड़ दिखता है और बिट्टू भी पहाड़ दिखता है।”
उन्होंने आगे बताया,” तो अचानक अब पूरा सीन बदल गया। अब झगड़ा होने वाला था, इतने में अचानक क्या होता है कि बीच में बिट्टू रुकता है और बोलता है, ‘अरे, कैमरा नीचे रख।’ संजू बोलता है, ‘बंद कर’ एकदम से हमने फाइट छोड़ दी और हम कह रहे हैं, ‘कैमरा रख’। ये देख दोनों गोरे सोच रहे हैं, ‘इनको कैमरे से क्या दिक्कत है?’ सब वहां से चिल्ला रहे हैं, ‘बाबा, बाबा।’ तो अचानक, इन दोनों गोरों ने सोचा कि ये कोई डॉन है एरिया के। वो भाग निकले। ये एक बहुत अजीब सिनेरियो था।”