दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भारत ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के माध्यम से वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करते हुए मोबाइल विनिर्माण के क्षेत्र में चीन से आगे निकलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य क्षेत्रों में पीएलआई योजना का विस्तार कर भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है।
प्रसाद ने उद्योग संघ फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कहा हम चाहते थे कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन जाए । अब मैं भारत को चीन से आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा हूं। यह मेरा लक्ष्य है और मैं इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर रहा हूं ।
भारत 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग देश बना। नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स (एनपीई) 2019 में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को 2025 तक बढ़ाकर 26 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा करने पर जोर दिया गया है। इसमें से 13 लाख करोड़ रुपये मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट से आने की उम्मीद है।
प्रसाद ने कहा कि भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत पीएलआई योजना लाई गई है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का उद्देश्य विश्व स्तरीय कंपनियों को भारत लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत पात्र कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन मिल सकता है।