केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रही जत्थेबंदियां एक कदम भी पीछे हटती दिखाई नहीं दे रही है। पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार और किसानों के बीच में जारी तनातनी हर दिन आक्रमक होती जा रही है। इस सब के बीच पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर किसानों के हक़ में अपनी आवाज बुलंद की है।
सिद्धू ने कहा है कि ये जो किसानों का प्रदर्शन चल रहा है वो ना तो कर्ज माफी के लिए है और ना ही किसी तरह की सब्सिडी के लिए बल्कि किसान तो अपने उचित मूल्य और अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि केंद्र सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन इसके बजाए 6000 रुपए साल का यानि कि 500 रुपए महीने का लॉलीपॉप पकड़ा दिया है।
सिद्धू ने आगे कहा है कि केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग के सी2(C2) फॉर्मूले को लागू करने की बजाए किसानों की आय पर कब्जा करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि 1942 में डीजल की कीमत 6 रूपए थी, गेहूं की 350 कीमत और धान 270 पर था। डीज़ल अब 70 तक पहुंच चुका है जबकि किसान की एमएसपी(MSP) 17 गुना भी नहीं बढ़ी। किसान को अगर खड़ा करना है तो उनकी आय को बढ़ाना होगा उसे कम से कम 15 से 18 हजार करना होगा।