योगी सरकार उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या को बड़ी चिंता का विषय मानती है. उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार एक कड़ा कानून लाने जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने फैसला किया है कि दो बच्चों होने पर सरकारी स्कीमों से दंपत्ति को विहीन रखा जाएगा. इससे पहले भी कहीं बाहर
परिवार कल्याण महानिदेशक और विशेषज्ञ समूह का हिस्सा रह चुके डॉक्टर बद्री विशाल ने बताया कि भारत के दक्षिणी राज्य कठोरता से जनसंख्या नियंत्रण करते हैं. वही उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिया जा रहा है उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बाकी सभी राज्यों से ज्यादा है इस कारण ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं के लाभ को बंद करने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में वह परिवार पंचायत के चुनाव भी नहीं लड़ सकते और भी कई नियम लाने का प्रस्ताव रखा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की आबादी 20 करोड़ से ज्यादा है इस लिहाज से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला प्रदेश है यह आबादी भारत की कुल आबादी का 16 फ़ीसदी हिस्सा है. जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान राज्य उत्तर प्रदेश से बड़ा है जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार वहां की जनसंख्या लगभग 6 करोड़ 85 लाख बताई जाती है.
जनसंख्या नीति को सरकारी नौकरियों से भी जोड़ने पर विचार चल रहा है. यह नीति सरकारी नौकरियों में भर्ती से लेकर प्रोन्नति के विषयों मे भी लागू रहेगी. इस साल होने वाले पंचायत और उसके बाद स्थानीय निकाय चुनावों से पहले ही नई जनसंख्या नीति बन जाने की संभावना है.