कोरोना महामारी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम तो है ही साथ ही आस्था को भी ठेस पहुंचा रही है. ऐसा ही मामला सामने आया भीलवाड़ा से कोटडी तहसील का जहां हर वर्ष जलझूलनी ग्यारस पर भगवान चारभुजा नाथ का बेवाण निकलता है परंतु इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी.
ग्रामीण इस बात से खफा हैं उनका कहना है कि लोकडाउन के चलते सबसे पहले शराब जैसी दुकानों को खोला गया तो मंदिरों पर ऐसी बंदिश क्यों ? सभी यातायात के साधन और व्यवसाय पूर्व की भांति गतिशील कर दी गई है. लंबे समय से ग्रामीण ठाकुर जी के दर्शन करने को आतुर है इस कारण जलझूलनी एकादशी का यह पर्व मनाने से रोकना हमारी आस्था को आघात पहुंचाता है. इस कारण ग्रामीणों ने फैसला किया है कि जब तक उन्हें परमिशन नहीं मिलेगी वह पूरे बाजार को बंद रखेंगे.
ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन को इस बारे में सूचना दी गई और बताया कि पूरी सावधानी और सार्वजनिक दूरी का ध्यान रखते हुए इस बार का यह उत्सव मनाया जाएगा परंतु प्रशासन ने उनकी यह विनती ठुकरा दी.
जिला कलेक्टर और एसडीएम के अनुसार इस उत्सव में आम लोगों की भीड़ का एक बड़ा सैलाब इकट्ठा होता है इस कारण उन पर नियंत्रण करना मुश्किल है . शहर में बढ़ती कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार इस उत्सव की परमिशन देना उचित निर्णय नहीं होगा.