अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (स्वामी चक्रपाणि) Swami Chakrapani और बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह (Dushyant Pratap Singh) की एक कॉल रिकॉर्डिंग इंटरनेट पर बहुत वायरल हो रही है. दरअसल मामला यह है कि हाल ही में डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने अपने परिजनों और कुछ मित्रों की मदद के लिए आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की आवश्यकता के कारण स्वामी चक्रपाणि को फोन किया था. परंतु बात धीरे-धीरे सरकार की नाकामियों और बिगड़ी व्यवस्थाओं की ओर चली गई.
Swami Chakrapani ने इस दौरान भारत के प्रधान सेवक को अभिनेता बता दिया. उन्होंने कहा कि देश के नेताओं से लेकर प्रधान सेवक तक सभी काम करने की सिर्फ एक्टिंग करते हैं. मैं लोगों को परेशान देखकर बहुत दुखी हूं. सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह बिगड़ी हुई है जिम्मेदार व्यक्ति और नेता इन विपरीत परिस्थितियों में भी राज्यों के चुनाव में लगे हुए हैं जो बहुत ही दुखद है.
वही फिल्म डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह( Dushyant Pratap Singh) ने कहा कि सरकारी धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है जबकि यह उनका काम नहीं है धर्मों के लिए चारों शंकराचार्य पीठ और आप जैसे धर्मगुरु है. दुष्यंत ने कहा कि सोशल मीडिया या कहीं पर भी हिंदू मुस्लिम से जुड़ी राजनीतिक टिप्पणियों को देखकर उनका मन व्यतीत हो जाता है. कॉल रिकॉर्डिंग एक और किस्सा सुनाई दिया जिसमें उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उनकी लड़की बीमार हुई थी. जिसके लिए मैं पूरी दिल्ली घूमते रहे इस दौरान उन्होंने स्वामी चक्रपाणि को भी मदद के लिए कॉल किया. डायरेक्टर ने बताया कि यह उनका भ्रम था कि उनके बहुत से कांटेक्ट है और वह आसानी से चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर लेंगे. परंतु जब अस्पतालों में उन्होंने लंबी भीड़ को देखा तब उनका यह भ्रम टूट गया.
डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि उनके अनुसार चिकित्सा पर केवल बजट का 2% हिस्सा लगता है. वहीं दूसरी ओर चुनाव पर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 30 से 40% तक खर्च हो जाता है. आपको बता दें कि हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि (Swami Chakrapani) अपने कठोर बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को दिया ज्ञापन दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना के वैक्सीन या दवा भारत में लाने से पहले सरकार या अंतरराष्ट्रीय कंपनियां देश को स्पष्ट करें की वैक्सीन या दवा में गाय का खून अथवा कोई भी ऐसे पदार्थ ना हो जो हिंदू सनातन धर्म की भावना को आहत करता है.