Musical artist Sushmita Yadav : सफर लम्बा हो जरूरी नही सफर छोटा भी अच्छा होता है मगर यह हर किसी की किस्मत में नही होता है।वैसे तो इंडस्ट्री में जितने भी आर्टिस्ट आते है वे कड़ी मेहनत कर आते है लगभग सभी आर्टिस्ट दुनिया से लड़ जगड़ कर अपनी-अपनी मंजिल तक पहुचते है। उन्ही में से एक आर्टिस्ट है सुष्मिता यादव (Sushmita Yadav) जो कि एक उम्दा संगीतकार है माँ सरस्वती इनकी जिव्हा पर विराजमान है।
सुष्मिता यादव जिनका जन्म स्थल मुम्बई है वह मुम्बई जिसने करोड़ो लोगों के भविष्य का निर्माण किया चाहे वह किसी भी क्षेत्र में कहें, मनुष्य किसी अन्य का भविष्य निर्माण नही कर सकता मगर एक आदमी या एक औरत अपने भविष्य को अपने ढंग से एक अच्छा जीवन यापन करने के लिए निर्माण कर सकता है और वही मार्ग अपनाया सुष्मिता यादव (Sushmita Yadav) ने |
उन्होंने मात्र सोलह साल की उम्र से ही संगीत के तारो को छेड़ना शुरू कर दिया था और इनके जो गुरु बने वे स्वयं इनके पिता विनोद कुमार थे। अब यदि पुत्री पर पिता की छाया भरा हाथ है, तब वह किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए ततपर रहेगी। सुष्मिता यादव ने अपने बचपन से लाइव शोव्स करना शुरू कर दिया था | स्कूलों में कॉलेजो में और तो और एज अ प्ले बैक सिंगर इन्होंने सोलह साल की उम्र में ही रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया था | चाहे वह नार्थ इंडिया के संगीत हो या साउथ इंडिया के हो संगीत हो, सुष्मिता यादव उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है कि चाहे हजार मुश्किल आए राहों में मगर हमे अपने मार्ग से कभी भृमित नही होना है।
Sushmita Yadav यादव ने एक सिंगर के रूप में अपने करियर की शुरुआत एक बड़े संगीतकार शान के साथ कि थी| जो कि एक बहुत बड़ी सफलता थी |अपने जीवन को और अपनी सालो से की गई मेहनत को लोगों के सामने रखने की सुष्मिता यादव को जिस फ़िल्म के लिए प्ले बैक सिंगर के रूप में चुना गया था उस फिल्म का नाम है love in college. इस फ़िल्म में इन्होंने लगभग चार गाने गाएँ थे और इनकी आवाज को लोगो ने बेहद प्यार भी दिया था, और लाजमी है बड़े संगीतकार शान के साथ गाना एक बहुत बड़ी ओपोर्चुनीटी थी|
इस बड़ी सफलता के बाद Singer Sushmita Yadav ने “सुर से सिने तक” कॉम्पिटिशन में भाग लिया, और इस कॉम्पिटिशन में इन्हें पलक मुच्छल द्वारा टॉप फाइव कॉन्टेस्टनट में सलेक्ट किया गया | Sushmita Yadav को पलक मुच्छल के साथ वीडियो का मौका भी मिला था जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही ।
Singer Sushmita Yadav ने अपने जीवन में बहुत मेहनत की उन्हें कही बार खुद से हताश भी होना पड़ा मगर फिर भी उन्होंने संगीत नही छोड़ा | उन्होंने अपने मन में एक द्र्ढ निश्चय कर लिया था कि मेरे सपने और मेरी मंजिल को पा कर आखरी सांस लेनी है। सुष्मिता यादव ने संगीत को अपना अर्धभाग बना दिया था और आज उनकी मेहनत ने उन्हें एक अच्छे मुकाम तक पहुँचा दिया है।सुष्मिता यादव बड़े कलाकार के रूप में केवल संगीत के तार ही नही छेड़ती बल्कि सामाजिक कार्य (NGO) में अनाथ बच्चो की देखभाल और उन्हें अपने संगीत से एक अच्छी मुस्कान भी देती है।