नई दिल्ली- करोड़ों लोगों की प्रेरणास्रोत सुषमा स्वराज जैसी अद्वितीय नेत्री को को नहीं जानता। 67 वर्षीय सुषमा स्वराज को अचानक से सीने में दर्द होने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया और मंगलवार की रात को उनका निधन होगया। सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर एम्स से उनके घर ले जाया गया।
कश्मीर के मुद्दे पर सुषमा स्वराज ने निधन के मात्र तीन घंटे पहले ही एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए लिखा था कि, ” प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.”
वहीं सुषमा स्वराज जैसी नेत्री के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि,”भारतीय राजनीति के एक गौरवपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। गरीबों और समाज के लिए जीवन देने वाली अद्वितीय नेता के निधन पर पूरा भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अकेली इंसान थीं। वे करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत थीं।”
साल 1977 से अपने राजनीति कैरियर की शुरुआत करने वाली सुषमा स्वराज ने जब राजनीति में पहला चुनाव लड़ा तप वह मात्र 25 वर्ष की थी। और हरियाणा की अम्बाला सीट से चुनाव जीतकर भारत देश की सबसे युवा विधायक का खिताब अपने नाम क़िय।
हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री रही सुषमा वर्ष 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
नब्बे के दशक में राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय सुषमा ने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गयीं। इस तरह सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में अपने कदम जमा लिए थे। और वर्ष 2014 से 2019 तक वह विदेश मंत्री रहीं।
14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अम्बाला में जन्मी सुषमा स्वराज सुप्रीम कोर्ट की वकील भी राह चुकी थीं। बताया जाता है कि पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाली सुषमा का परिवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा हुआ था।
मीडिया हिंदुस्तान परिवार की ओर से सुषमा स्वराज जैसी नेत्री के निधन पर गहरा शोक है।