अगर जीवन में कुछ करने की लालसा हो तो फिर तूफान भी अपना रुख मोड़ लेता है यह बात शत-प्रतिशत चरितार्थ होता है बिहार के आरा जिला के मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले युवा फिल्म निर्देशक (Indian Film Director) Rahul Singh Rana Krishna पर,महज 13 वर्ष की आयु में आंखों में सपने संजोए मुंबई की ओर रुख करते हैं परिवार से बगावत कर अपने सपने को पूरा करने के लिए l जीत और हार से लंबे संघर्ष के बाद बॉलीवुड में बतौर निर्देशक अपना एक अलग मुकाम बनाते हैं l आज Rahul Singh Rana Krishna बतौर निर्देशक किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं l
राहुल ने बताया कि यह संघर्ष बहुत ही कष्टप्रद था मुंबई आने के 5 साल तक तो बिल्कुल पता ही नहीं चला कि हमें किस और जाना है हमें क्या करना है l ना ही कोई रास्ता दिख रहा था हर दिन निराशा हाथ लगती थी फिल्म सिटी से मढ़ जेट्टी तक हर दिन पैदल यात्रा करना पड़ता था l हमारे पास इतने पैसे नहीं होते थे कि मैं ऑटो रिक्शा पर भी सफर कर सकूं l
किसी एक दोस्त के कहने पर फिल्म सिटी में संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म बाजीराव मस्तानी के लिए बतौर लाइटमैन काम करने चला गया बस इतनी सी लालसा थी कि सामने से देख पाऊं की शूटिंग कैसे होती है आखिर फिल्म निर्माण में होता क्या है इसी लालसे के कारण मैं कुछ भी करने को तैयार था l मैं मुंबई फिल्म एक्टर बनने आया था लेकिन जैसे ही मैं फिल्म “बाजीराव मस्तानी” के सेट पर पहुंचा संजय लीला भंसाली को देखा,उनके कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर मुझे ऐसा लगा कि मैं भी निर्देशन के लिए ही बना हूं असल में मैं अभिनय से ज्यादा निर्देशन को जीता हूं l मुझे यह नहीं पता था कि बाजीराव मस्तानी के सेट से ही मेरा भाग्य बदलने वाला है एक दिन कुछ ऐसा घटनाक्रम होता है जिसने पूरी मेरी जीवन को बदल दिया l
निर्देशक संजय लीला भंसाली को मेरा काम करने का तरीका,मेरा जुनून मेहनत, समर्पण इतना पसंद आया कि उन्होंने मुझे इस फिल्म में अपने सानिध्य में रखा और मुझे निर्देशन की बारीकियां सिखाई और यहीं से बतौर निर्देशक मेरे सफर का आगाज हो गया । इसके बाद मुझे हॉलीवुड फिल्म जुमानजी वेलकम टू जंगल 2017 में बतौर सहायक निदेशक काम करने का ऑफर मिला और मैंने इतने बड़े ऑफर को तुरंत हां कर दिया फिर उसके बाद मुझे वहां जेमैन वान मिले जिन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया 2018 में मुझे हॉलीवुड फिल्म एक्वामान में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ और फिर हॉलीवुड में भी बतौर सहायक निर्देशक मेरे काम की तारीफ हुई और मैं हॉलीवुड फिल्म निर्देशक व फिल्मकारों का विश्वास जीतने में भी सफल रहा l
हर अच्छे फिल्मकार का सपना होता है कि वो दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी अपना लोहा मनवाए इस क्रम में राहुल ने बतौर सहायक निर्देशक दक्षिण भारत सहित बॉलीवुड की भी बड़ी हिट फिल्म केजीएफ में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाया l
बॉलीवुड हॉलीवुड व दक्षिण भारत की चार फिल्मों में सहायक निर्देशक की सफल पारी खेलने के बाद राहुल ने 2020 में अपने निर्देशन में बनी फिल्म 1840 हैदराबाद से फिल्म समीक्षकों का ध्यान अपनी और खींचा उन्होंने 1840 हैदराबाद नामक हिंदी हॉरर फिल्म से बतौर निर्देशक बॉलीवुड में अपने निर्देशन का लोहा मनवाया जिसमें उन्होंने गुरलीन चोपड़ा,करण सिंह छाबड़ा,मुकेश ऋषि जैसे बड़े अभिनेता को निर्देशित किया और बॉलीवुड को एक सफल फिल्म दीया l
महज 23 वर्ष की आयु में Rahul Singh Rana Krishna ने बॉलीवुड में अपनी काबिलियत का झंडा गाङा
राहुल ने वक्त और फिल्म निर्देशक जहां एक और बॉलीवुड में मेहनत कर अपना मुकाम बनाया तो दूसरी तरफ अपने शिक्षा के बीच इन कामों को रोड़ा नहीं बनने दिया जी बी पंत दिल्ली से इंजरिंग में भी तालीम ली और वहां से अपनी पढ़ाई पूरी है l अब राहुल बतौर फिल्म निर्देशक बहुत जल्द बड़े स्टार कास्ट के साथ एक बड़ी बॉलीवुड फिल्म अनाउंस करने जा रहे हैं जो बहुत जल्द दर्शकों के सामने होगी l
Rahul Singh Rana Krishna ने देश के युवाओं को यही संदेश दिया कि अगर आप में कुछ कर गुजरने की तमन्ना है संघर्ष करना जानते हैं कुछ अलग करने की इच्छा है तो हां फिल्मकार आप भी बन सकते हैं संघर्ष करते रहे मुकाम मिलता है एक न एक दिन जरूर मुकाम मिलेगा l