https://youtu.be/Vx156gNGXLIराहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे ही दिया. बुधवार को दोपहर बाद करीब 3.52 बजे राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं के नाम लिखी अपनी चिट्ठी ट्विटर पर पोस्ट कर दी.इसके 15-16 घंटे बाद भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई.ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले पी चिदंबरम भी मौन थे.21 साल बाद कांग्रेस की कमान एक बार फिर नेहरू गांधी परिवार से बाहर किसी और नेता के हाथ में होगी. इंदिरा और राजीव के बाद गांधी परिवार से सोनिया गांधी 1998 में अध्यक्ष बनीं और 2017 तक इस पद पर रहीं. इस दौरान कांग्रेस 10 साल तक केंद्र की सत्ता पर काबिज रही. राहुल गांधी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी पूरी तरह से मझधार में फंसी हुई नजर आ रही है. ऐसे सियासी माहौल में कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ना और नए राजनीतिक प्रयोग के लिए जो कदम उठा रहे हैं उससे यह सवाल खड़ा होता है कि राहुल कहीं पॉलिटिकल रिस्क तो नहीं ले रहे हैं.
सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की ताजपोशी दिसंबर, 2017 में हुई थी. हालांकि राहुल गांधी ने 2004 में राजनीतिक एंट्री की थी और 2007 में राष्ट्रीय महासचिव बने और बाद में उपाध्यक्ष के पद रहे. इस दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस संगठन को नई धार देने के लिए लिंगदोह कमेटी के तर्ज पर खड़ा करने की कोशिश की थी. इसके अलावा कई प्रत्याशियों के लिए कई राजनीतिक प्रयोग किए थे, जिनमें वह सफल नहीं हो सके.
इस्तीफे के बाद अशोक गहलोत का ट्विटर पर लंबा चौड़ा भाषण
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्विटर पर लंबा चौड़ा भाषण पोस्ट कर दिया। उन्होंने इसमें हार जीत और जिम्मेदारी जैसी बातों पर चर्चा की। साथ ही यह उम्मीद जताई कि राहुल जल्द वापस लौटेंगे। गुरुवार सुबह प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, जो आपने किया है, वैसी हिम्मत बहुत कम लोग जुटा पाते हैं। इसके लिए बहुत सम्मान।