बीजेपी नेता विजय भारद्वाज (VIJAY BHARDWAJ BJP) राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं संयोजक पश्चिमी उत्तर प्रदेश (स्वच्छ भारत अभियान) जी अनुमान लगा रहे हैं मौजूदा समय 124 करोड़ भारतीयों के पास आधार है. लगभग 20 प्रतिशत नागरिक (विशेष रूप से बच्चे) बिना आधार के हैं तथा 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं.
इससे स्पष्ट है कि हमारे देश की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं बल्कि 150 करोड़ से ज़्यादा है और हम चीन से आगे निकल चुके हैं. यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2% और पीने योग्य पानी 4% है लेकिन जनसंख्या 20% है. यदि चीन से तुलना करें तो क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है लेकिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है. चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं.
विजय भारद्वाज बता रहे हैं बहुत चिंता का विषय है बहुत जल्द उत्तर प्रदेश के संयोजक नेह श्रीवास्तव एवं स्वच्छ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक यशवंत सिंह दरबार जी को विजय भारद्वाज पत्र लिखकर जानकारी देंगे और आगे ज्ञापन आदरणीय प्रधानमंत्री जी को भी देंगे.
50 फीसदी समस्याओं के पीछे जनसंख्या विस्फोट
देश में मौजूद जल,जंगल जमीन, रोटी, कपड़ा, मकान और गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी आदि समस्याओं के पीछे जनसंख्या विस्फोट को कारण बताया गया है. टेम्पो बस और रेल में भीड़, थाना तहसील और जेल में भीड़ तथा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भीड़ का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है.
चोरी डकैती झपटमारी घरेलू हिंसा तथा महिलाओं पर शारीरिक मानसिक अत्याचार ही नहीं बल्कि अलगाववाद कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसंख्या विस्फोट है. चोर डकैत झपटमार बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके मां-बाप ने “हम दो-हमारे दो” नियम का पालन नहीं किया. इससे स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है.
प्रदूषण के पीछे भी जनसंख्या
प्रत्येक वर्ष हम लोग 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाते हैं और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पिछले 5 साल में बहुत से प्रयास भी किये गये हैं लेकिन जनसख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और इसका मूल कारण भी जनसंख्या विस्फोट है इसलिए चीन की तर्ज पर एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून के बिना स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत अभियान का शत-प्रतिशत सफल होना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है.