कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व पर कोई आंच नहीं आने देंगे…। मुकुंदरा का यह सन्नाटा जल्द खत्म हो, मुकुंदरा समृद्ध हो और यहां बाघ संरक्षित व सुरक्षित रहें…। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पगमार्क फाउंडेशन (Pagmark Foundation Kota) के पदाधिकारियों से कही। पगमार्क फाउंडेशन के पदाधिकारी अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाड़ा के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री राजे से जयपुर में उनके निवास पर मिले। इस दौरान पदाधिकारियों ने उन्हें बताया कि सालों के इंतजार के बाद मुकुंदरा में बाघों की दहाड़ गूंजी थी, लेकिन कतिपय कारणों से फिलहाल यहां एक ही बाघिन रह गई है। उसका जोड़ा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें काफी वक्त लग रहा है। पदाधिकारियों ने उन्हें प्रे-बेस, विभिन्न समस्याओं, विस्थापन और ग्रामीणों के मुद्दों से अवगत कराया।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पगमार्क फाउंडेशन के अध्यक्ष देवव्रत सिंह हाड़ा को आश्वस्त किया कि उनका प्रयास रहेगा कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों को संरक्षित व सुरक्षित रख सकें, पर्याप्त प्रे बेस हो और इसके लिए जो भी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, वह सभी उठाए जाएंगे। मुकुंदरा के भविष्य पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।
फाउंडेशन के अध्यक्ष हाड़ा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में पूर्व में हुई बाघों की मौत चिंताजनक है और परेशान करने वाली है। ऐसा क्यों हुआ, ऐसे में यह विषय अधिक सतर्कता व संवेदनशीलता से देखा जाना आवश्यक है। मुकुंदरा को आबाद करने में खून, पसीना और आंसू निकाले, और जब लग रहा था कि ठीक चल रहा है, उसी समय एक के बाद एक टाइगर की मौत की सूचना मिली थी, जिसने बड़ा सदमा दिया। मुझे समझ नहंी आ रहा कि एनटीसीए क्यों चुप है? मुकुंदरा अभी बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन ये सब जल्दी ठीक हो जाएगा। फिर आबाद होगा। कोटा समेत सम्पूर्ण राजस्थान को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से बहुत उम्मीदें हैं।