एक 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी. बाद में वह पीड़िता निर्भया के नाम से जानी जाने लगी. इस मामले के छह अभियुक्तों को घटना के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, उनमें से एक ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दोषी ठहराया गया था और तीन साल के कार्यकाल के बाद उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.
इस भीषण अपराध ने अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन और राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा की विषम स्थिति पर बहस छेड़ दी थी. लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक निर्भया को मरने के बाद भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे आखिर कब मिलेगा उसे न्याय.
जाने पूरा घटनाक्रम
2013
3 जनवरी: दिल्ली पुलिस ने हत्या, सामूहिक बलात्कार, हत्या का प्रयास, अपहरण, अप्राकृतिक अपराध और डकैती के मामले में एक नाबालिक सहित पांच वयस्क आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया.
2 फरवरी: पांच वयस्क आरोपियों पर हत्या सहित 13 अपराधों का आरोप.
11 मार्च: बस चालक राम सिंह तिहाड़ जेल में अपने सेल में लटका हुआ मिला.
21 मार्च: देश में बलात्कार कानून में संशोधन, यौन अपराधों को दंडित करने के लिए नए बलात्कार विरोधी बलात्कार कानून, बार-बार बलात्कार अपराधियों के लिए फांसी जरूरी कानून को लाया गया
31 अगस्त: जेजेबी ने किशोर को सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया.
10 सितंबर: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुकेश, विनय, अक्षय, पवन पर सामूहिक दुष्कर्म, अप्राकृतिक अपराध और महिला की हत्या सहित 13 अपराधों का दोषी पाया.
13 सितंबर: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी चार दोषियों को मौत की सजा दी। ट्रायल कोर्ट मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को मौत की सजा की पुष्टि के लिए संदर्भित किया.
1 नवंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई शुरू की.
2014
13 मार्च: दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई.
2015
20 दिसंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर की रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। वह तीन साल बिताने के बाद एक सुधार गृह से बाहर चला गया.
2016
3 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू की.
5 मई: SC ने चार आरोपियों – अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की मौत की सजा को बरकरार रखा.
2018
9 जुलाई: SC ने पवन, मुकेश और विनय द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया.
2019
29 अक्टूबर: तिहाड़ जेल ने निर्भया बलात्कार और हत्या के दोषियों को दया याचिका दायर करने के लिए सात दिन का समय दिया.
8 नवंबर: विनय शर्मा ने दिल्ली सरकार के साथ दया याचिका दायर की.
29 नवंबर: दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने विनय शर्मा की याचिका को मुख्य सचिव के पास भेज दिया.
30 नवंबर: मुख्य सचिव ने इसे अस्वीकार कर दिया और फाइल को गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के पास भेज दिया.
1 दिसंबर: जैन ने इसे खारिज कर दिया और इसे एलजी के कार्यालय में भेज दिया.
2 दिसंबर: एलजी ने विनय की दया याचिका खारिज कर दी, दिल्ली सरकार के फैसलों को मंजूरी दी.
6 दिसंबर: MHA ने राष्ट्रपति, दिल्ली सरकार को विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की.
10 दिसंबर: अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की.
18 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अक्षय कुमार सिंह की याचिका को खारिज कर दिया और पहले के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उन्हें मौत की सजा मिली थी.