एमडीएच मसाला के मालिक धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। रिपोर्टों के अनुसार, गुलाटी का पिछले तीन सप्ताह से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ।
उन्होने आज सुबह 5:30 बजे अंतिम सांस ली। ‘दलाजी’ और ‘महाशयजी’ कहलाने वाले धरमपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। वह एक स्कूल ड्रॉप आउट थे। वह अपने जीवन के शुरुआती दिनों में पिता के मामलों के व्यवसाय से जुड गए थे।
1947 में विभाजन के बाद, धर्मपाल गुलाटी भारत आये और अमृतसर में एक शरणार्थी शिविर में रहे। फिर वह दिल्ली चले गए और दिल्ली के करोल बाग में एक स्टोर खोला। धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी। यह व्यवसाय केवल भारत में ही नहीं पनपा बल्कि धर्मपाल गुलाटी एक वितरक और निर्यातक भी बन गया। उनकी कंपनी यूके, यूरोप, यूएई, कांडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है।
2019 में वापस, सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया। एमडीएच मसाला के अनुसार, धर्मपाल गुलाटी ने अपने वेतन का लगभग 90 प्रतिशत दान में दिया।