8 दिसंबर को लुधियाना के सिविल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर एक महिला के गर्भ के अंदर तौलिया छोड़ने का आरोप लगा है।
महिला के पति रविंदर सिंह ने अपने रिश्तेदारों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सिविल अस्पताल की मदर एंड चाइल्ड यूनिट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और घोर लापरवाही बरतने पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ राजेश बग्गा ने मामले की जांच चिह्नित कर ली है। रविंदर ने कहा कि उनकी पत्नी को 7 दिसंबर को प्रसव पीड़ा होने के बाद सिविल अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टरों ने कुछ परीक्षण करने के बाद एक सीजेरियन ऑपरेशन का सुझाव दिया। सर्जरी 8 दिसंबर को हुई हालांकि बच्चा स्वस्थ था, मेरी पत्नी दर्द में दिख रही थी और पेशाब करने में असमर्थ थी। हमने डॉक्टरों से सलाह ली और उनके पेट पर सूजन दिखाई दी लेकिन उन्हें केवल सीडेटिव दिया गया।
रविंदर ने कहा जब दर्द दो दिनों तक कम नहीं हुआ तो मैंने अस्पताल से हमें एक निजी अस्पताल में रेफर करने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने हमें पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल जाने के लिए प्रोत्साहित किया। अंत में, मैं उसे 11 दिसंबर को क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CMC & H) ले गया जहाँ डॉक्टरों ने मेरी पत्नी का ऑपरेशन किया और उसके गर्भ में एक तौलिया मिला। उनकी लापरवाही से मेरी पत्नी की मृत्यु हो सकती थी।
करीब एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।