लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने हाल ही में एक खतरनाक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने डीप फेक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का दुरुपयोग करके लड़कियों को ब्लैकमेल किया। आरोपी, रब्बानी, बाराबंकी का निवासी है और उसने कतर से कंप्यूटर ट्रेनिंग लेने के बाद लखनऊ में इस अपराध को अंजाम दिया।
कंप्यूटर ट्रेनिंग से क्राइम तक का सफर
रब्बानी ने दसवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की है और जनवरी 2023 में कतर में नौकरी करने गया था। वहां उसने छह महीने तक कंप्यूटर एडिटिंग का काम सीखा और जनवरी 2024 में भारत लौट आया। भारत लौटने के बाद उसने टेलीग्राम के माध्यम से डीप फेक तकनीक और एआई आधारित सॉफ्टवेयर का उपयोग करना शुरू किया।
डीप फेक और एआई का दुरुपयोग
रब्बानी ने लड़कियों की इंस्टाग्राम से ली गई तस्वीरों को डीप फेक तकनीक से एडिट कर न्यूड तस्वीरें बनाई और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू किया। उसने करीब एक दर्जन लड़कियों को अपने जाल में फंसा लिया था और उनसे पैसे की मांग की थी।
फर्जी पहचान और आधार कार्ड
रब्बानी ने फर्जी ईमेल और इंस्टाग्राम आईडी का उपयोग कर लड़कियों से संपर्क किया और उन्हें ब्लैकमेल किया। इसके अलावा, उसने फर्जी आधार कार्ड बनाकर खुद को ‘राज सिंह’ नामक आरजे (रेडियो जॉकी) बताया और लड़कियों को धोखा दिया। उसने एक ऐप की मदद से फर्जी आधार कार्ड बनाए और होटलों में आईडी के रूप में उनका इस्तेमाल किया।
एसटीएफ की तत्परता
इस मामले की जांच के दौरान, एसटीएफ ने रब्बानी को चिनहट इलाके से गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई तब की गई जब एक नाबालिग लड़की ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे ब्लैकमेल किया जा रहा है। एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रब्बानी को पकड़ लिया।
साइबर क्राइम के खिलाफ सख्त कदम
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने युवाओं को तकनीक का सही उपयोग करने की सलाह दी और किसी भी तरह के साइबर अपराध से दूर रहने का आग्रह किया।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तकनीक का गलत उपयोग समाज के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। युवाओं को साइबर सुरक्षा के महत्व को समझना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए ताकि वे ऐसे खतरों से बच सकें। एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई ने इस अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया, जिससे अन्य अपराधियों को भी सबक मिलेगा।