Konkan Amboli Ghat information in Hindi : कोकन को धरती का स्वर्ग माना जाता है। यहां पूरे साल तक हरियाली और ठंडाई फैलाई रहती है। चारों तरफ से समुंदर रहने के कारण, यहां के लोग ज्यादातर अपने आहार में मछलिया खाना पसंद करते हैं। फलों का भी उत्पाद यहां ज्यादा प्रमाण में होता है। मानसून के दिनो का दृश्य देखने जैसा होता है। कोकन में ऐसी कई जगह है, जहां मानसून में बारिश का मजा लेने आप जा सकते हैं। आज इस लेखक द्वारा हम आपको कोकन की ऐसे ही एक पर्यटन स्थल के बारे में बताने वाले हैं। वह है – अंबोली घाट (Amboli ghat)। मानसून के दिनों आप इस स्थल पर भेट देना ना भूलें। तो चलिए देखते हैं, ऐसा क्या है इस जगह पर।
भौगोलिक विशेषताओं के कारण कोकन को नीलगार समुंदर के साथ, ठंडी हवा की जगह प्राप्त हुई है। कोकन सावंतवाडी के नजदीक, समुंदर से लगभग साढ़े छह सौ मीटर लंबाई पर अंबोली घाट स्थित है। अंबोली घाट का परिसर बहुत सुंदर और पर्यटकों को आकर्षित करने जैसा है। यहां तिन्हो मौसमों में अलग अलग नजारों का आनंद आप ले सकते है। सहयाद्रि पहाड़ के कड़ों से यहां बादलों को तेजी रोका जाता है; और इसलिए यहां तेजी से बारिश होती है। मानसून में यहां दरियों में से सफेद झरना आपको देखने मिल सकता है।
पर्यटक और तरुणाई इस झरने में भीगने का आनंद लेते हैं। हरियाली से भरे हुए पहाड़ और दूध जैसे लगते हुए झरने यह पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित करते हैं। गर्मियों में यहां का वातावरण सुगंधित रहता है। सावंतवाडी से अंबोली जाते वक्त आपको प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने मिल सकता है। हरियाली फैलाए हुए पहाड़ों का भी आप आनंद ले सकते है।
सर्दियों के दिनों घाटियों में से, खुले आसमान के नीचे चलते हुए आप सृष्टि की सुंदरता का आनंद ले सकते हो। महादेव गढ़, मनोहर गड़, श्रीगावकार, पॉइंट की ऊंचाई से चौड़ा फैलाए हुए घाटियों का आनंद ले सकते है। सूर्यास्त का मनमोहन दृश्य सचमुच आपको पागल कर देगा। यकीन मानिए, यहां सूरज क्षितिज पर नारंगी, लाल और गुलाबी रंगो के साथ अस्त होता है। यहां हिरण्यकेशी मंदिर से भगवान शंकर की पवित्र मूर्ति स्थापित है। महाशिवरात्रि के दिनों यहां हजारों भाविक भेट देते है।
अंबोली घाट (Amboli ghat) में रात के समय चलते वक्त अंधेरे में मच्छरों के काटने, और दम घुटने वाली हवा की चुनौतियां से उबरने का रास्ता खोजना होगा। यहां की गुफा में सात पोखर है और इन सात पोखरों में से अंतिम पोखर में सूर्य प्रकट होता है। अंबोली में एक ऐतिहासिक और समृद्ध वनस्पति उद्यान भी है, जहा आप अपने दोस्तो या परिवार के साथ भेट दे सकते हो। यहां रहने के लिए होटेल्स की भी सुविधा है। और साथ ही साथ महाराष्ट्र पर्यटन विकास मंडल ने यहां रहने की सुविधा की है।
मुंबई से अंबोली घाट (Amboli ghat) तक पहुंचने के लिए यहां का रास्ता लगभग पांच सौ पचास किलोमीटर तक का है। मुंबई से यह बस और रेल से भी पहुंच सकते है। सावंतवाडी से अंबोली घाट लगभग पच्चीस किलोमीटर है। कोकन रेल से आप सावंतवाडी स्थानकपर पहुंच सकते हैं।