हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अभियान “क्लीन योर प्लेट” के दूसरे संस्करण को देशव्यापी स्तर पर शुरू किया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन में सालाना 1.9 करोड़ टन अन्य बर्बाद होता है जो कि साल भर में 3 से 5 करोड़ लोगों का पेट भर सकता है। इससे पहले चीन ने 2012 में चीनी अफसरों व सैन्य अधिकारियों के लिए शराब व अन्य महंगे भोजन पर प्रतिबंध लगाया था । इस अभियान को क्लीन योर प्लेट नाम दिया गया था।
कुछ महीने पहले केन्या की एक घटना सुर्खियों में रही थी।जब एक विधवा महिला के आठ बच्चों में से सबसे छोटा बच्चा भूख की वजह से रो रहा था तो उसने उसे यकीन दिलाने के लिए पत्थर उबाले ताकि खाना बनने के इंतजार में उसका बच्चा सो जाए। जिसके पति को डाकुओ ने 1 साल पहले मार दिया था। उसके पड़ोसी ने यह घटना देख मीडिया को सूचना दी थी। जिसके बाद उस महिला को राशन और पैसों का इंतजाम हो गया था।
भारत जैसा धार्मिक देश जहां अन्न को भगवान माना जाता है। यहां भी सालाना 2.1 करोड़ टन अन्न बर्बाद होता है। पिछले कुछ सालों से विश्व भूकंप, बाढ़, चक्रवात ,वायरस और ग्लोबल वार्मिंग जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। इस कड़ी में खाद्यान्न संकट एक बड़ी समस्या बन गई है जिसके खतरे को कई वर्षों से अनदेखा किया जा रहा है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मुताबिक भारत में लगभग 20 करोड़ लोग भुखमरी और कुपोषण का शिकार है । चीन के बाद आबादी में दूसरे स्थान पर होने के साथ भारत का भी दायित्व कुछ अधिक बढ़ जाता है । उसको भी ऐसे अभियानों को शुरू करना चाहिए। सरकार को अन्न की बर्बादी रोकने हेतु जन जन को जागरूक करना चाहिए शहर से लेकर गाँवो तक अन्न की बर्बादी रोकनी चाहिए।
सरकार यह सुनिश्चित करें कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक भोजन की उपलब्धता हो पाएगी। यह संकल्प प्रत्येक नागरिक ले की जरूरत से अधिक भोजन नहीं लेंगे और प्रत्येक भूखे व्यक्ति तक भोजन की पहुँच बढ़ाएंगे। ऐसे प्रयासो से धरा फिर मुस्कुरा उठेगी और आने वाली पीढ़ियों को हम एक खुशहाल जीवन दे पाएंगे!