एक छोटे शहर से मायानगरी मुंबई तक का सफर एक ऐसा सफर है जो दूर से तो बहुत खूबसूरत और चमकता-धमकता नजर आता है लेकिन पास जाने से उतना ही संघर्षों से भरा है। कुछ ऐसी ही कहानी है कुमकुम भाग्य फेम Garima Arora की, जिसने महज 21 साल की उम्र में तय किया बरेली से मायानगरी मुंबई तक का सफर। सर पर न पिता का हाथ और न ही भाई का सहारा, केवल माँ और बहनों के साथ पली गरिमा हमेशा से कुछ अलग और बड़ा करना चाहती थी। एक बहुत ही अच्छी विद्यार्थी और एक बहुत मंझी हुई कलाकार, गरिमा शुरू से एंटरटेनमेंट की दुनिया की और आकर्षित थी।
2015 ही वह साल है जब गरिमा ने अपने कदम मुंबई की ओर बढ़ाए थे। बता दें कि उनकी माँ उनके इस फैसले से नाखुश थी, क्योंकि एक छोटे शहर में लड़कियों को इतनी आज़ादी नहीं होती। समाज और लोग क्या कहेंगे के डर से गरिमा की माँ उन्हें हमेशा रोका टोका करती थी। बता दें कि एक मध्यम वर्गीय परिवार व पिता के न होने के कारण वह पढाई के साथ-साथ इवेंट्स भी किया करती थी, जिससे उन्हें कई चीज़े सीखने को मिली। बता दें कि मुंबई में उनके सफर की शुरुआत इतनी खुशहाल नहीं थी। 6 महीने तक ऑडिशंस देने के बाद भी सही रोल न मिलने से वह निराश तो ज़रुर हुई थी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
कुछ महीने सीरियल्स में छोटे-मोटे रोल्स करने के बाद उन्हें पहला ब्रेक टीवी सीरियल कुमकुम भाग्य से मिला, जिसमें उन्होंने पूरब की बहन का किरदार निभाया। यही वह शो था जिससे लोगों ने उन्हें पहचानना शुरू कर दिया और उनको पसंद भी किया। गरिमा ‘चंद्रकांता’, ‘झांसी की रानी’, ‘चंद्रनंदिनी’,‘परदेस में है मेरा दिल’, ‘चक्रधारी अर्जुन कृष्णा’ जैसे और भी कई सीरियल्स में काम कर चुकी हैं। गरिमा ने अधिकतर माइथोलॉजी में काम किया है और अपने अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, माइथोलॉजी एक बहुत ही अच्छा जरिया है खुद को निखारने का, भले ही आप इसमें मेकअप के पीछे रहो, आपकी हिंदी इससे बहुत हद तक सुधर जाती है। बता दें कि गरिमा कई वेब सीरीज, म्यूजिक एल्बम और शार्ट फिल्म्स में भी नज़र आ चुकी हैं। और कोरोना के कारण लगे करीब एक साल के गैप के बाद गरिमा जल्द ही ‘अवध’ नाम की वेब सीरीज में दिखेंगी।
गरिमा काम करते रहने में विश्वास करती हैं, उन्हें बिना काम के बैठे रहना बिल्कुल पसंद नहीं। लॉकडाऊन के दौरान भी गरिमा सोशल मीडिया के जरिये प्रोडक्ट लॉन्च व प्रमोट किया करती थी। इसके अलावा उन्होंने बरेली और दिल्ली व आस पास के कई इलाकों में शो भी जज किया है। जज करते समय उन्होंने यह अनुभव किया कि छोटे शहरों में कितने टैलेंट हैं जिन्हे वह राह नहीं मिल पा रही, गरिमा चाहती हैं कि वह ऐसे टैलेंट की मदद कर सकें।
मूवी हो या सीरियल ,गरिमा को दोनों ही बेहद पसंंद हैं हालाँकि वह ओटीटी और टीवी में दोनों को ही एक सामान मानती हैं, क्योंकि जहां सीरीज देखने के लिए यंगस्टर्स हैं वहीं सीरियल देखने के लिए घरेलु औरतें भी उनके बराबर ही हैं। जल्द ही गरिमा वेब सीरीज के साथ-साथ भोजपुरी फिल्म और एक हिंदी फिल्म में भी दिखाई देने वाली हैं। छोटे शहर में रह कर बड़े सपने देखने वाली लड़कियों के लिए वह यह कहना चाहती हैं कि जो भी तुम चाहते हो उसे पाने के लिए जी जान लगा दो, हिम्मत मत हारो। इस समाज में गिराने वाले बहुत मिलेंगे