हार्दिक पांड्या की अकेले ही खेल को प्रतिद्वंद्वी से दूर ले जाने की क्षमता दुनिया भर में जानी जाती है और उसके हालिया उदाहरण ऑस्ट्रेलिया-भारत टी-20 सीरीज में देखने को मिले क्योंकि इस क्रम के नीचे उनकी आतिशबाजी ने भारत को टी-20 सीरीज 2-1 से जीतने में मदद की ।
सहवाग ने कहा हालांकि लंबे समय तक पीठ की चोट के कारण वो गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं थे जबकि विराट कोहली छठे गेंदबाजी विकल्प की तलाश में थे । जाहिर है कि यही वजह है कि वह टेस्ट टीम से बाहर हैं ।
अगर वह गेंदबाजी करते तो फिर वह टेस्ट टीम का हिस्सा होते। यह संभव है हार्दिक पांड्या ने चयनकर्ताओं से कहा होगा कि वह टेस्ट मैचों के लिए उन पर विचार न करें क्योंकि वह एक फिट गेंदबाज की तरह गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और वह केवल वनडे और टी-20 में खेलेंगे और वह स्वदेश वापस लौट आयेंगे ।
सहवाग ने आगे जोर देकर कहा कि पांड्या की जल्दी रन बनाने की क्षमता भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण है और टीम को जीत के लिए पुश करने के लिए और समय देता है ।
लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जब वह गेंदबाजी शुरू करेंगे तो वह टेस्ट टीम का अहम हिस्सा होंगे । पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ने कहा क्योंकि जिस तरह से वह वनडे क्रिकेट या टी-20 में बल्लेबाजी करते हैं, उससे कल्पना कीजिए कि अगर वह टेस्ट क्रिकेट में नंबर 6 या नंबर 7 पर जल्दी रन बनाना शुरू कर देते हैं तो भारत टेस्ट मैचो को जीतने की अच्छी स्थिति में होगा ।