लोकप्रिय अष्टाई गायिका आशा भोसले इनका आज जन्मदिन है ( Happy Birthday Asha Bhosle ) उन्होंने 88 की उम्र पूरी कर ली हैं। आशा भोसले इन्हे आज कौन नही जानता। भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी आशा जी के कई फैन्स है। इन्होंने अपने मधुर, सुरीली स्वरों से सभी के दिल जीत लिए है। आशा गणपत राव भोसले ( Asha Ganpat Rao Bhosle ) हिन्दी फिल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar ) की छोटी बहन और दिनानाथ मंगेशकर ( Dinanath Mangeshkar ) की पुत्री आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाए है। और इनकी आवाज के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए है। उन्होने हिन्दी के अलावा मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलायालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए है। इसीके साथ ही आशा भोसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में सावन आया फिल्म चुनरिया में गाया।
गए कई दशकों से दर्शकों के दिल पर राज करने वाली, और हमेशा उत्साहित और चहरेपर स्मित हास्य रखनेवाली लोकप्रिय अष्टाई गायिका आशा भोसले इन्होंने साल के 88 की उम्र में मराठी फिल्म के लिए फिरसे आवाज दिया है। महेश टिलेकर ( Mahesh Tilekar ) निर्देशित आगामी फिल्म हवाहवाई ( Hawa Hawai ) में एक उड़ता गीत गाया है और इस फिल्म के अवसर पर कई वर्षों के बाद मराठी फिल्म के लिए गया है। और साथ ही आज आशा भोसले अपना जन्मदिन मना रही है।
हवाहवाई इस फिल्म की निर्मिती मराठी तारका प्रोडक्शन के महेश टिलेकर और नाइंटी नाइन प्रोडक्शन के विजय शिंदे ( Vijay Shinde ) इन्होंने की है। साथ ही पंकज पड़घन इन्होंने फिल्म का संगीत निर्देशन किया है और महेश टिलेकर इन्होने ही लिखा हुआ गाना ‘ जगण्याची ही मजा घेऊया नव्याने, जाऊया पुढे पुढे साऱ्यांच्या साधूने दिशा नव्या वाटे हव्या, साद देती आता उडण्याची ऐसे शब्दों के साथ गाना अष्टाई भोसले की सुरीली आवाज में रिकॉर्ड किया गया है, जिन्होंने 88 साल की उम्र पूरी कर ली है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में लगभग हर एक भाषाओं की फिल्मों के लिए गाना गाया है। उन्होने हवाहवाई फिल्म के लिए गया हुआ गाना सुनकर आपको यकीन नही होगा, की यह गाना उन्होंने ही इतने मधुर स्वर में वह गाना गाया है।
1966 में आशा भोसले इन्होने आर. डी. बर्मन ( R.D. Burman ) इनकी आजा आजा मैं हु प्यार तेरा ‘ गाने के लिए आवाज दिया है, जिससे उन्हें बेहद लोकप्रियता मिली। उनके जीवन में एक नया मोड़ आया, जिसे उनके करियर का दूसरा महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा सकता है।
आशा भोसले हिन्दी – मराठी गानों के अलावा विदेशी गानों में भी अपनी छाप छोड़ चुकी है। आशा भोसले ने कनाडा, दुबई और यूएसए में कई स्टेज शो किए है और अपनी पहचान बनाई। 1944 में आर. डी. बर्मन की मौत आशा भोसले के लिए एक सदमे के रूप में आई और उन्होने कुछ देर के लिए गायन से मुंह मोड़ लिया। पर 1995 में लोकप्रिय संगीतकार ए. आर. रहमान ( A.R. Rahman ) इन्होने रंगीला फिल्म के लिए आशा भोसले इन्हे गाने के लिए राज़ी किया। और उसके बाद फिरसे उन्होंने गाने के लिए शुरुआत की।
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