जेडडीनेट( ZDNet ) की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया है कि एक हैकर डार्क वेब पर सैकड़ों शीर्ष स्तर के अधिकारियों के माइक्रोसॉफ्ट ईमेल खातों के लिए पासवर्ड बेच रहा है जो लगभग $100-1,500 (लगभग 7,400-1.1 लाख रुपये) प्रति खाते है ।
रिपोर्ट के अनुसार, “डेटा को Exploit.in नाम के रूसी भाषी हैकर्स के लिए कलोस्ड एक्सेस वाले अंडरग्राउंड फोरम पर बेचा जा रहा है ।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि हैकर सी-लेवल एग्जिक्युटिव्स के ऑफिस 365 और माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट्स के लिए ईमेल और पासवर्ड कॉम्बिनेशन बेच रहा है और कंपनी के साइज और एग्जिक्युटिव की भूमिका के आधार पर सेलिंग प्राइस तय है ।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, मुख्य परिचालन अधिकारियों, मुख्य वित्तीय अधिकारियों, मुख्य विपणन अधिकारियों, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारियों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और कंपनी निदेशकों जैसे शीर्ष अधिकारियों को संभावित कंपनी से संबंधित और अन्य जानकारी खोने का खतरा है ।
रिपोर्ट के अनुसार, “साइबर सुरक्षा समुदाय में एक स्रोत जो नमूने प्राप्त करने के लिए विक्रेता से संपर्क करने के लिए सहमत हुए, उसने डेटा की वैधता की पुष्टि की है और दो खातों के लिए वैध साख प्राप्त की है, एक अमेरिकी मध्यम आकार की सॉफ्टवेयर कंपनी के सीईओ है और दुसरा यूरोपीय संघ स्थित एक खुदरा स्टोर श्रृंखला के सीएफओ ।
” हैकर ने विक्रेता को बताने से इनकार कर दिया कि उसने कैसे लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त की, उसने आगे कहा कि उसके पास सैंकडो पासवर्ड और इमेल है बेचने के लिये “
थ्रेट इंटेलिजेंस फर्म केला ने कहा : ये हैकर पहले भी “अज़ोर लॉग्स( Azor logs )” को खरीदने मे दिलचस्पी दिखा चुका है
केला उत्पाद प्रबंधक Raveed Laeb के हवाले से कहा गया “कॉर्पोरेट ईमेल खाते साइबर अपराधियों के लिए सोने की खानें हैं क्योंकि उन्हें कई अलग-अलग तरीकों से मुद्रीकृत किया जा सकता है “।
वैश्विक साइबर सुरक्षा फर्म ट्रेंड माइक्रो ने हाल ही में कहा था कि उसने इस वर्ष की पहली छमाही में भारत में 438 मिलियन ईमेल जनित साइबर खतरों को अवरुद्ध कर दिया जो एशिया में तीसरी सबसे अधिक संख्या का प्रतिनिधित्व करता है ।
2019 की दूसरी छमाही से व्यापार ईमेल समझौता (बीईसी) मे 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस रूप के हमले का उपयोग करते हुए हैकर्स ने स्कूलों को पकड़ लिया है, जिसके कारण स्कूलों को बहुत नुकसान हुआ है । इस महीने की शुरुआत में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के फिशिंग हमलों ने जून से सितंबर के बीच भारतीय शिक्षा क्षेत्र को बहुत प्रभावित किया है।