अयोध्या में भटक रही एक युवती को पुलिस ने गूगल की मदद से उसको उसके घरवालों से मिलाया. युवती अपने बारे में कुछ नहीं बता पा रही थी, वह दिमाग से कमजोर थी. युवती के हाथ पर सुखमती नाम गुदा हुआ था. इससे पुलिस ने अंदाजा लगा लिया था कि इस युवती का नाम सुखमती है. पुलिस एक हफ्ते से उसके घर के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रही थी लेकिन युवती का दिमाग कमजोर होने के कारण सुखमती कुछ बता नहीं पा रही थी. इसलिए पुलिस को कुछ ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई.
युवती सुखमती को ज्यादा पढ़ना लिखना नहीं आता है. जिसके कारण फैजाबाद महिला थाना अध्यक्ष प्रियंका पांडेय को युवती का लिखा हुआ शब्द मुश्किल से समझ में आया. इन दो शब्दों को गूगल पर सर्च किया तो छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले में बसना नाम की एक जगह मैप में नजर आई. फैजाबाद महिला थाना अध्यक्ष प्रियंका पांडे ने ”बसना” पुलिस स्टेशन में संपर्क किया तो पता चला वहां युवती सुखमती की गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज किया गया है.
उसके बाद बसना थाने की पुलिस ने युवती के घर वालों को लेकर अयोध्या के फैजाबाद महिला थाने में पहुंचने में बिल्कुल देरी नहीं की. फैजाबाद की दूरी महासमुंद से 800 किलोमीटर है. युवती के परिजन फैजाबाद थाने में आते ही युवती उन्हें देख कर उनके गले लग गई. पुलिस के पूछताछ के बाद उसकी मां ने बताया कि युवती का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है.
सुखमती की मां ने यह भी बताया कि वह घर से सब्जी लेने के लिए निकली थी. और उसके बाद युवती सुखमती का कोई पता नहीं चल रहा था. युवती को बहुत ढूंढा लेकिन वह अपने गांव में नहीं मिली बहुत ढूंढने के बाद सुखमती का पता नहीं चला तो पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.सुखमती की मां ने यह भी बताया कि गुमसुम सी रहने वाली सुखमती पहले भी एक बार खो गई थी. इस बार वह न जाने इतना दूर कैसे आ गई उनको यह पता नहीं चला. खैर जो भी हो लेकिन सुखमती के घरवाले और पुलिस प्रशासन गूगल की इस मदद के लिए गूगल को धन्यवाद जरूर देना चाहेंगे.