बॉलीवुड में कुछ गिने-चुने निर्देशक और लेखक हैं जो लीक से हटकर काम करने की चुनौती को स्वीकारते हैं ऐसे ही एक Writer Director हैं (Varadraj Swami) वरदराज स्वामी जिन्होंने बॉलीवुड को मांझी द माउंटेन मैन,दशहरा, कबाड़ द कॉइन जैसी हिट फिल्में दि हैं।
बतौर निर्देशक 17 मई को एम एक्स प्लेयर पर रिलीज इनकी फिल्म “कबाड़-द कॉइन” Kabaad-The Coin ने सफलता का अलग कीर्तिमान कायम किया है “कबाड़-द कॉइन” को दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों का भी भरपूर प्यार मिल रहा है।
मीडिया से बातचीत के दौरान वरदराज स्वामी (Varadraj Swami) ने बताया कि फिल्म निर्माण मेरे लिए सिर्फ शूटिंग मात्र नहीं है बल्कि पूरा एक प्रक्रिया है चुकी मैं मूलतः एक लेखक भी हूं तो मेरी कहानी खोजने की प्रक्रिया भी हमेशा चलती रहती है। वो कहानी मेरे लिए बहुत मायने रखती है जिसको सोचते हुए,खोजते हुए मैं कई रात तक सो ना पाऊं वही मेरे लिए कहानी है । “कबाड़-द क्वाइन” (Film Kabaad-The Coin) की योजना पर उन्होंने बताया कि हमें लगभग 6 साल लग गए इस फिल्म को लिखने में। क्योंकि मैं किसी भी प्रकार की त्रुटि अपनी कहानी में नहीं चाहता था।मुझे अपनी कहानियों की शक्ति पर पूरा विश्वास होता है। इस फिल्म की योजना भी ऐसे ही बनी जो मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।
एक दिन मैं और मेरे लेखक शहज़ाद अहमद (Writer Shahzad Ahmed ) शूटिंग से वापस आ रहे थे तो हमने देखा कि एक कबाड़ी वाले के हाथ गाड़ी का पहिया निकल गया है। वो बार बार अपने हाथ गाड़ी को ठीक करने के लिए हथौड़ा मार रहा है अचानक हथौड़ा फिसलकर उसके पैर पर जा लगता है। पैर से काफी खून निकलने लगा। मैंने पास के एक मिस्त्री को बुलाकर उसका हाथ गाड़ी ठीक करवाया उसे पैसे दिए उसका मलहम पट्टी करवाया और उसी वक्त मैंने यह सोचा कि समाज के इस वर्ग के लिए भी मैं जरूर फिल्म बनाऊंगा ।
एक सवाल के जवाब में वरदराज ने बताया कि विवान शाह की कल्पना लेखन के दौरान से ही मेरे और मेरे सहयोगी शहज़ाद के दिमाग में चल रहा था और मुझे पूरा विश्वास था कि विवान इस किरदार के साथ न्याय कर पाएंगे।
अब मुझे बहुत खुशी है विवान ने इस फिल्म के किरदार को पूरे दिल से जिया है। फिल्म की सफलता ने हमारी पूरी टीम को आत्मविश्वास से लवरेज कर दिया है।मैंने और मेरी टीम ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया। सफलता का श्रेय दर्शकों पर जाता है क्योंकि मेरे दर्शक ही मेरे भगवान हैं। वही मेरी के कसौटी हैं।वही मेरी पूंजी है। आज अगर इस फिल्म की चर्चा चारों तरफ मीडिया और सिनेमा जगत में हो रही है। उसकी वजह सिर्फ दर्शक हैं जिन्होंने इस फिल्म को हाथों हाथ लिया। आईएमडीबी 9.4 रेटिंग मिलना भी अपने आप में एक बहुत बड़ी मिसाल है।
आगे की योजना के बारे मे वरदराज (Varadraj Swami) बताते है कि कुछ अलग करने की कोशिश जारी रहेगी । अभी 1-2 कहानी पर हमलोग काम कर रहे हैं। कोविड के वजह से अभी कुछ निश्चित तौर पर नहीं कह सकते मगर उम्मीद है कि जल्द ही फ्लोर पर जायेंगे।