मलखान सिंह ने कहा कि हमसे लिखवा लिया जाए कि हम मारे जाए तो कोई जुर्म नहीं. बचा हुआ जीवन हम लगाने को तैयार हैं. अगर इसमें पीछे हट जाए तो नाम मलखान सिंह नहीं. डाकू मलखान सिंह जिसने बीहड़ पर राज किया है. जिसकी गोलियों की तड़तड़ाहट से लोग कांपते थे. पुलवामा आतंकी हमले से आहत पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने कहा कि एमपी में 700 बागी बचे हैं अगर शासन चाहे तो बिना शर्त, बिना वेतन के हम अपने देश के लिए बार्डर पर मरने को तैयार हैं. मलखान सिंह शहीदों के श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए कानपुर आए थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल जब वादे करते हैं तो हार जाते हैं. वादा किया तो मध्य प्रदेश में हार गए. लोकसभा चुनाव में भी झूठे वादे करेंगे तो हार जाएंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव होंगे और होते रहेंगे लेकिन पुलवामा हमले का बदला जरूर लेना चाहिए. अगर कश्मीर पर फैसला नहीं लिया गया तो कोई भी राजनीति पर विश्वास नहीं करेगा. मलखान सिंह ने कहा कि बीहड़ में मेरा इतिहास बहुत ही साफ़ सुथरा रहा है. बागियों का इतिहास ठोस रहा है इतना तो साधू संतो का भी नहीं रहा है. साधू तो घेरे में आ चुके हैं जेल में पड़े हैं कुकर्म में पड़े हुए हैं. लेकिन बागियों के विषय में कोई बता दे. हम गांव और जिले के बागी रहे पर देश के बागी कभी नहीं हुए हैं.