Vaccination Speed in India : भारत में कोरोना (COVID-19) का खतरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.वैक्सीन (vaccine) लगाने की जो स्पीड भारत में इस समय है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सभी नागरिकों को दोनों वैक्सीन डोज लगने में 2 साल से ज्यादा का समय लग सकता है.
बड़ी समस्या यह है कि अब युवाओं को भी इस महामारी से खतरा बढ़ने लगा है. पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि भारत के कई युवा नागरिक कोविड-19 के कारण मौत का शिकार हो गए हैं. शहरों की अपेक्षा गांव में भी संक्रमण दर काफी तेजी से बढ़ रही है. लोकडाउन के बावजूद देश में इस तरह के हालात गंभीर स्थिति को दर्शाते है.
दूसरा सवाल यह है कि इतनी बड़ी आबादी में सभी को वैक्सीन लगाने का काम बड़ा कठिन है ऐसे में लॉकडाउन से लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है. आखिर यह लॉकडाउन भी कितने समय तक लगा सकते हैं क्योंकि सभी को दोनों वैक्सीन डोज देने के लिए सालों का समय लगेगा.
अमेरिका में वैक्सीनेशन की स्थिति (Vaccination in America vs Vaccination Speed in India)
विकसित देशों में वैक्सीनेशन की स्पीड काफी तेज है बात अगर अमेरिका की की जाए तो लगभग 32 करोड़ की आबादी वाले इस देश में 26 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहली जबकि 11.8 करोड़ लोगों को पूरी तरह दोनों वैक्सीन लग चुकी है. अमेरिका ने दावा किया है कि अगले 1 महीने में वह संपूर्ण देश की आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज दे देंगे. जबकि भारत में अभी तक 13 करोड लोगों को पहली डोज जबकि केवल 3.8 करोड़ लोगों को दूसरी डोज लगी है जो संपूर्ण जनसंख्या का 3 प्रतिशत से भी कम है.
अधिक जनसंख्या और धीमी गति से टीकाकरण भारत के लिए घातक सिद्ध हो सकता है ऐसे में राज्य और केंद्र सरकारों को चाहिए कि आपसी सामंजस्य से वैक्सीनेशन की स्पीड को बढ़ाएं. गांव में जागरूकता की कमी के कारण इस पर अधिक जोर देने की जरूरत है.