मीडिया हिंदुस्तान परिवार आप सभी की भावनाओं को विशेष महत्व देता है. इसी कड़ी में कोटा राजस्थान के जुगल किशोर शर्मा ने कोरोना वायरस के संबंध में अपनी बात कुछ इस तरह कहीं।
हाल ही में मानव जीवन में एक नया अध्याय जुड़ गया हैं, इसे कोरोना काल नाम दिया गया है। इस काल में स्वतंत्रता दिवस,जगन्नाथ रथ यात्रा,जन्माष्टमी, गणेश उत्सव जैसे त्योहार फीके पड़ गए हैं लेकिन श्रद्धा में असीमित वृद्धि पाई गई है।
सैनिटाइजर,मास्क,सामाजिक दूरी इसका सामना करने हेतु प्रमुख शस्त्र बताए गए है। इस वायरस की संताने भुखमरी,बेरोजगारी ,चिंता,अनिंद्रा आदि विश्व भर में उत्पन्न हो चुकी है। विश्व भर में 2.32 करोड़ की आबादी इसकी चपेट में आ चुकी है। भारत में भी लगभग साढ़े तीस लाख आबादी इसकी गिरफ्त में आ चुकी है, परन्तु रिकवरी रेट 75% होने के कारण अमेरिका जैसे हालत नहीं है।
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर की 50% युवा आबादी डिप्रेशन व तनाव में आ चुकी है। डिजिटल इंडिया मे युवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का रोगी बन चुका है। परंतु ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले भी कई वायरस मानव जीवन में आए हैं जिन्हें क्रोध,ईर्ष्या,मोह,काम,लालच,घमंड आदि नामों से जाना जाता है।
इन वायरस की वैक्सीन राम,कृष्ण,महावीर,बुद्ध के अनुसार त्याग,प्रेम, सत्य,शांति है। निजी स्वार्थों के चलते मानव इन्हें सदियों से अपना नहीं पाया है । विषाणु समय-समय पर धरती पर आए हैं। हम इन्हें समस्या तो मान चुके हैं परंतु समाधान नहीं कर पा रहे हैं।
यदि मानव सत्य, प्रेम का मार्ग चुनेगा तो सदियों तक कोई भी वायरस पुनः अवतरित नहीं हो पाएगा और मानव विश्व कल्याण की स्थापना की ओर बढ़ सकेगा!