आमेर किला,जयपुर (Amer Fort Jaipur)
गुलाबी नगरी जयपुर में अरावली पर्वतमाला की चोटी पर बसा आमेर किला (Amer Fort) भारत के सबसे शानदार महलों में से एक है. यह भूल भुलैया रास्तों और सर्पीन सीढ़ी के साथ राजसी इमारत के वास्तुकला की शानदार कृति है जो भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. जयपुर की राजधानी से केवल 11 किलोमीटर की दूरी पर आमेर किला गुलाबी और पीले पत्थरों से लिपटा हुआ प्रतीत होता है. आमेर किले का निर्माण महाराजा मानसिंह प्रथम द्वारा 1552 में करवाया गया था. जिसे राजपूत शासकों के मुख्य निवास स्थान के रूप में उपयोग में लिया जाता रहा था.
आमेर किले में स्थित दर्शनीय स्थल
आमेर किले के महल हिंदू मुस्लिम शैली के समन्वित रूप हैं। यहां शीश महल,शीला माता का मंदिर,जगत शिरोमणि मंदिर प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। शीला देवी मंदिर: आमेर दुर्ग के जलेबी चौक में स्थित शीला देवी का मंदिर कछवाहा राजाओं की कुलदेवी मानी जाती है। मंदिर में 16 वीं शताब्दी से लेकर 1980 तक प्रतिदिन मंदिर के द्वार पर बकरे की बलि दी जाती थी जिस पर अब रोक लगा दी गई हैं। यहां नवरात्र में सुप्रसिद्ध लक्खी मेला लगता है।
जगत शिरोमणि मंदिर: आमेर किले में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह की रानी कनकावती जी द्वारा अपने दिवंगत पुत्र जगत सिंह की याद में बनवाया गया था।इस मंदिर में भगवान कृष्ण की काले पत्थर की मूर्ति विराजमान है जिसके बारे में यह कहावत है कि यह वही मूर्ति है जिसकी चित्तौड़ में मीराबाई पूजा करती थी।
दीवान ए आम: आमेर दुर्ग में स्थित दीवान ए आम का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह प्रथम द्वारा करवाया गया था।
इसके अलावा जयपोल,सिंहपोल जलेबी चौक,मिर्जा राजा जयसिंह द्वारा निर्मित गणेशपोल, दीवानेखास,जय मंदिर,शीश महल,सुख मंदिर,सुहाग मंदिर,यश मंदिर जगत शिरोमणि मंदिर, कलात्मक सुंदर और सुदृढ़ दरवाजे,घुमावदार गलियारे,सुरंगे, बुर्ज एवं बारहदरी आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल आमेर किले में स्थित है।
महलों के पीछे महाराजा पृथ्वीराज की रानी बाला बाई की साल स्थित है।
मावठा जलाशय: यहां प्रसिद्ध मावठा जलाशय तथा दिलाराम का बाग स्थित है मिर्जा राजा जयसिंह द्वारा 1664 ईस्वी में इस बगीचे के एक सिरे पर पूरा संपदा का संग्रहालय है।
यदि आप आमेर किले में घूमने की योजना बना रहे हैं तो आप यहां की हाथी सवारी करना ना भूलें. आमेर किला इतना बड़ा है कि इसे पूरा देखने के लिए 3 घंटे का समय लग सकता है. यहां की ऊंची दीवारें किले में आकर्षक कारीगरी आपको बहुत से सोशल मीडिया पिक्चर्स में मदद कर सकती है. यहां रोजाना 5000 से 10000 पर्यटक आते हैं. खास बात यह है कि राजस्थान के इस किले को यूनेस्को विश्व विरासत सूची में शामिल कर लिया गया है.
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