लखनऊ: सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और जागरण के लिए महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी (Mahamandaleshwar Sanjana Nand Giri) ने चतुष्पथ यात्रा की घोषणा की है। इस अवसर पर कामाख्या पीठ की पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी के साथ सनातन धर्म के अनेक संत, विद्वान और समाजसेवी उपस्थित रहे। इस यात्रा को प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति आचार्य हरिदास गुप्ता का पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ है।
चतुष्पथ यात्रा: एक नव जागरण का संकल्प
महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी की इस चतुष्पथ यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म के मूल तत्वों को समाज में पुनः जाग्रत करना है। यह यात्रा दो चरणों में संपन्न होगी। पहले चरण में यात्रा मां कामाख्या शक्तिपीठ से जोधपुर तक होगी, जबकि दूसरे चरण में यह रामेश्वरम से प्रारंभ होकर कश्मीर के लाल चौक तक पहुंचेगी। यह यात्रा मार्च माह में प्रारंभ होकर लगभग दो माह तक चलेगी।
आचार्य हरिदास गुप्ता का समर्थन
कैलाश मानसरोवर यात्रा अभियान के प्रमुख और महाकुंभ में कैलाश अखाड़ा की घोषणा करने वाले समाजसेवी व उद्योगपति आचार्य हरिदास गुप्ता ने इस चतुष्पथ यात्रा को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सनातन धर्म के प्रचार और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। वे इस यात्रा में तन, मन और धन से सहयोग प्रदान करेंगे।
आचार्य हरिदास गुप्ता ने महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह यात्रा सनातन धर्म को उसके वास्तविक स्वरूप में समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का कार्य करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यात्रा के दौरान आवश्यक संसाधनों और व्यवस्थाओं में वे अपना संपूर्ण योगदान देंगे।
सनातन धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहल
ज्ञातव्य है कि सनातन धर्म के इतिहास में पहले भी आचार्य आदि शंकराचार्य द्वारा चतुष्पथ यात्रा के माध्यम से नव जागरण किया गया था। यह पहली बार है जब कोई विदुषी महिला महामंडलेश्वर इस प्रकार की यात्रा का नेतृत्व कर रही हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर धर्म प्रेमियों में अत्यंत उत्साह देखने को मिल रहा है।
समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन
इस घोषणा के दौरान कई उद्योगपति, समाजसेवी एवं शिक्षा जगत से जुड़े गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह यात्रा सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी और भारत की आध्यात्मिक धरोहर को पुनः स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।
इस यात्रा के सफल आयोजन की सभी धर्मप्रेमियों और सनातन संस्कृति में आस्था रखने वालों को प्रतीक्षा है। महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी के इस प्रयास से सनातन धर्म के प्रचार और रक्षा की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा जाएगा।