पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा उठाई गई गंभीर चिंताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा की गई आलोचना के बावजूद पड़ोसी देश में दो हिंदू लड़कियों को महज दो दिनों के भीतर जबरन इस्लाम में लाया गया है।
बताया गया है कि एकता कुमारी के रूप में पहचानी जाने वाली एक हिंदू लड़की को पाकिस्तान सेना का करीबी माने जाने वाले कुख्यात मुस्लिम धर्मगुरु मियां अब्दुल खालिक (उर्फ मियां मिट्ठू या मिंटू) ने जबरन इस्लाम कबूल कराया है।
बलूचिस्तान के सिबी की रहने वाली एकता कुमारी पेशे से शिक्षिका हैं। सूत्रों ने जानकारी दी कि अनिल कुमार की बेटी एकता को कथित तौर पर एक स्थानीय मुस्लिम यार मोहम्मद भट्टो ने अपहरण कर लिया था जो कि सिबी में रहता है।
भुट्टो ने एकता को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले के धाराकी में दरगाह-ए-आलिया भरचुंडी शरीफ की यात्रा करने के लिए मजबूर किया जहां उसे मियां मिट्ठू द्वारा इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था और उसे आयशा के रूप में नामित किया गया था।
दूसरी हिंदू लड़की जिसको मजबूरन इस्लाम कबूल करवाया गया उसका नाम धानी कोहलाही है। धानी कोहलाही के मामले में उसे जुमा बाजार से अपहरण कर लिया गया था और उसे भी इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था और एक मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी करवा दी गयी थी।
सूत्रों ने कहा उसके ठिकाने का पता अभी तक उसके माता-पिता को नहीं चला है और पुलिस ने भी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
पाकिस्तान के हिंदू समुदाय दो दिनों में दो हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं के बाद सदमे और निराशा में है।
इस घटना ने इमरान खान सरकार द्वारा बहुसंख्यक मुसलमानों के साथ अल्पसंख्यक समुदायों को समान अधिकार देने के भारी-भरकम दावों को भी उजागर कर दिया है।
दोनों मामलों में स्थानीय पुलिस या प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दोनों मामलों में पुलिस आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में भी लापरवाही बरत रही है।