भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) 14 दिसंबर को 100 से अधिक कोरोनवायरस मामलों के साथ एक कोविड-19 हॉटस्पॉट बन गया है। फिलहाल कैंपस में अस्थायी बंद है ।
हालांकि अधिकारी अभी भी परिसर के अंदर कोरोनावायरस प्रकोप के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में छात्रों के हवाले से कहा गया है कि हॉस्टल की मेस में भीड़ के कारण तेजी से संक्रमण फैल गया । विशेष रूप से खाना खाते समय फेस मास्क पहनना संभव नहीं है जो बताता है कि संक्रमण फैलने को क्यों नहीं रोका जा सकता है।
इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि आईआईटी मद्रास के केवल एक हॉस्टल मेस को चालू रखने के फैसले से कोविड-19 का प्रसार हुआ जिसने कुल 104 छात्रों और कर्मचारियों को अपनी चपेट में ले लिया है।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के निर्देश के अनुसार किंग्स इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन एंड रिसर्च में उन सभी का इलाज किया जा रहा है।
सभी छात्रों और स्टाफ सदस्यों को कथित तौर पर कोविड-19 के लिए अब परीक्षण किया जा रहा है और प्रक्रिया का 60 प्रतिशत पूरा हो गया है। वर्तमान में परिसर में 700 से अधिक छात्र हैं और उनमें से अधिकांश परिसर के अंदर विभिन्न छात्रावासों में रहते है । प्रमुख संस्थान में प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक केंद्र और पुस्तकालयों को आईआईटी प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया गया है अब कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं। प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद छात्रों के लिए 7 दिसंबर को अकादमिक ब्लॉक को फिर से खोल दिया गया था।