आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र होने का दावा करने वाले एक सीनियर सिटीजन को मध्य प्रदेश की सड़कों पर भीख मांगते हुए पाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्ग व्यक्ति को आश्रम स्वरग सदन (एएसएस) ने बचाया था, उसी संगठन ने एक पूर्व पुलिस अधिकारी को बचाया था जो कुछ दिन पहले सड़कों पर भीख मांगते हुए पाया गया था ।
हमने उसे बस स्टैंड के पास बेहद दयनीय हालत में पाया। जब हमने उससे बात की तो उसने हमें अंग्रेजी में बात करते हुए स्तब्ध छोड़ दिया । रिपोर्ट में एएसएस के विकाश गोसवानी के हवाले से कहा गया है कि हम उसे अपने आश्रम में ले आए और उसके रिश्तेदारों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं ।
विकास के मुताबिक सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने आईआईटी-कानपुर से 1969 में और एलएलएम लखनऊ से 1972 में अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी की थी। उनके पिता जेसी मिल में एक आपूर्तिकर्ता थे जो 1990 मे बंदे कर दी गई ।