वर्तमान में न केवल हमारा देश जबकि संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी के प्रकोप से गुजर रहा है.ऐसे समय में जितेंद्र यादव (Jitendra Yadav) अलग-अलग तरीकों से लोगों की मदद के लिए सामने आए. निस्वार्थ भाव से लोगों के दुख को अपना दुख समझना तथा गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना आज के युग में कल्पना मात्र लगता है.परंतु हजारों लोगों की दुआओं के साथ जितेंद्र यादव इस मुहिम को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं.
एक शिक्षाविद, और व्यवसायिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले जितेंद्र यादव ने बताया कि जनकल्याण की प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्री बाबू सिंह यादव, से मिली जो महान शिक्षाविद थे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि वर्तमान में वे चिकित्सा के क्षेत्र में कई मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में अध्यक्ष / सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिनमें मेजर एस.डी. सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल,मेजर एस.डी. सिंह पी.जी. आयुर्वेदिक मेडिकल कोल-लीज एंड हॉस्पिटल, फतेहगढ़ और मेजर एस.डी. सिंह आयुर्वेदिक नर्सिंग और फार्मेसी कॉलेज, फतेहगढ़ – फर्रुखाबाद इत्यादि शामिल हैं.
इसके अलावा जितेंद्र यादव शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने योगदान दे रहे हैं Jitendra Yadav ने बताया कि वे बतौर चेयरमैन और सेक्रेटरी के दायित्व पर Saimeer Degree College,Saimeer Law College और Saimeer College of Pharmacy, Chhibramau- Kannau में आसीन है. इसके अलावा उनका पॉलिटेक्निक कॉलेज,कन्नौज और कृष्णा देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मुहैया करवा रहा है. यादव एक राष्ट्रीय समाचार पत्र,’समृद्धि समाचार’ भी चलाते हैं. जिसके जरिए वे जनता की आवाज को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाते हैं.
वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण गरीब परिवारों की हालत गंभीर हो गई थी ऐसे में बॉलीवुड के स्टार सोनू सूद लोगों के दुख दर्द को बांटने के लिए आगे आए थे. यादव ने बताया कि सोनू सूद की इस मुहिम में उन्होंने भी अपना योगदान दिया गांव के कोने कोने तक पहुंच जरूरतमंद लोगों को खाना और राशन के अलावा जरूरी सामान भी मुहैया करवाएं.
Jitendra Yadav यादव का कहना है कि मानव सेवा उनका प्रथम कर्तव्य है. वे ईश्वर को धन्यवाद देते हैं की उन्हें इस काबिल बनाया कि वे लोगों की मदद कर सके. यादव का कहना है कि भविष्य में भी जब भी उन्हें मौका मिलेगा वे इस तरह के परोपकारी कार्य करते रहेंगे. क्योंकि इसी के कारण उन्हें वास्तविक संतुष्टि मिलती है.