हर कलाकार की सफलता के पीछे एक अनकही कहानी होती है — संघर्ष, त्याग और आत्मविश्वास की कहानी। ऐसे ही एक कलाकार हैं Shreyash Shandiliya, जिन्होंने बिहार की गलियों से निकलकर मुंबई तक अपनी मेहनत के बल पर पहचान बनाई। आज वह सिर्फ एक म्यूजिक डायरेक्टर या सिंगर नहीं, बल्कि सैकड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
Shreyash Shandiliya का जन्म 21 नवंबर 1993 को बांका, बिहार में हुआ था। बचपन से ही संगीत के प्रति गहरा लगाव था, लेकिन छोटे शहर में न तो मंच थे, न संसाधन। परिवार की आर्थिक स्थिति भी सीमित थी। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपने पिता Sujit Kumar Tiwary और माता स्वर्गीय Punam Tiwary की प्रेरणा से उन्होंने सपनों को थामे रखा और 2011 में मुंबई का रुख किया। यह कदम उनके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती थी। Shreyash याद करते हैं, “जब मैंने मुंबई आने का फैसला लिया, तो मेरे पास न कोई जान-पहचान थी, न पैसा। बस एक भरोसा था कि संगीत मेरा रास्ता बनाएगा।”
मुंबई पहुंचकर उन्होंने संगीत की औपचारिक शिक्षा Ajivasan Music Academy से प्राप्त की, जो Padma Shri Suresh Wadkar द्वारा स्थापित है। इसके बाद उन्होंने SAE Institute Australia से Music Production & Audio Engineering में डिप्लोमा किया और Trinity College London से Music Theory में सर्टिफिकेशन हासिल किया। उनके जीवन में असली बदलाव तब आया जब उन्हें महान सितार वादक (Sitar Maestro) Ustad Mehboob Khan का मार्गदर्शन मिला। Shreyash अक्सर कहते हैं, “Ustad ji ने मुझे सिखाया कि संगीत को गाना नहीं, बल्कि जीना चाहिए।”
कई सालों की मेहनत और संघर्षों के बाद Shreyash ने खुद को इंडिपेंडेंट म्यूज़िक सीन में स्थापित किया। उन्होंने 50 से अधिक ओरिजिनल ट्रैक्स और 150 से ज्यादा रीक्रिएटेड गाने बनाए, जिनमें “Tujhse Milke Ye Baawra” (गायक Krishna Beura और गायिका Anweshaa के साथ), “Hey Ram”, “Maa”, “Kyun Barse Naina”, “Sholon Se Bhara”, और “Pratham Kare” (Padma Shri Anup Jalota द्वारा गाया गया) जैसे गीत शामिल हैं। हाल ही में उन्होंने एक खास प्रोजेक्ट पर काम किया जिसमें Indian Idol फेम Rishi Singh ने अपनी आवाज़ दी — यह प्रोजेक्ट भारतीय क्रिकेटर Virat Kohli के लिए रिकॉर्ड किया गया था। यह सहयोग Shreyash के बढ़ते प्रभाव और उनकी इंडिपेंडेंट पहचान का प्रतीक है।
अपने संघर्ष से सीख लेते हुए Shreyash ने तय किया कि वे आने वाली पीढ़ी के कलाकारों को वह मंच देंगे जो उन्हें कभी नहीं मिला। इसी सोच से उन्होंने मुंबई में SoulFul Musik Academy की स्थापना की — एक ऐसा संस्थान जहाँ संगीत केवल सिखाया नहीं जाता, बल्कि संगीत का असली जड़ क्या है वो रिलीज़ कैसे करना हे, मार्केट कैसे करना हे आदि भी सिखाया जाता है। इसके साथ उन्होंने HS Musik Company, SoulFul Musik Studio, SoulFul Musik Store, और SoulFul Musik Jampad जैसी इकाइयाँ शुरू कीं, जो इंडिपेंडेंट कलाकारों को रिकॉर्डिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और गाइडेंस का पूरा समर्थन देती हैं।
Shreyash कहते हैं, “मेरे संघर्ष के दिनों में कोई मेरा हाथ पकड़ने वाला नहीं था, लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरे स्टूडेंट्स भी उसी अंधेरे से गुजरें। मैं चाहता हूं कि उन्हें सही दिशा, सही प्लेटफॉर्म और सही गाइडेंस मिले।” आज उनके कई विद्यार्थी खुद इंडिपेंडेंट म्यूज़िक के क्षेत्र में कदम रख चुके हैं और अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। बांका की गलियों से मुंबई की चमक तक का Shreyash का सफर यह साबित करता है कि अगर जज़्बा और नीयत सच्ची हो, तो मुश्किलें कभी रास्ता नहीं रोकतीं। Shreyash Shandiliya का मानना है कि — “हर कलाकार के अंदर एक सुर सोया है, बस उसे जगा कर उसको पहचानने की ज़रूरत होती है।”






