निरंजनी अखाड़ा की प्रतिष्ठित संत, महामंडलेश्वर साध्वी संजनानंद गिरी (Mahamandaleshwar Sanjananand Giri) ने हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल महामहिम श्री बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatraya) से भेंट कर अपनी प्रस्तावित चतुष्पथ यात्रा के लिए सहयोग और मार्गदर्शन की अपेक्षा की। राज्यपाल ने उन्हें इस महत्वपूर्ण धार्मिक अभियान के लिए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया तथा यात्रा के सफल संचालन हेतु कुछ आवश्यक सुझाव भी प्रदान किए।
चतुष्पथ यात्रा का उद्देश्य और स्वरूप
चतुष्पथ यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की स्थापना को पुनर्जीवित करना, हिंदू समाज में आध्यात्मिक जागरूकता लाना, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना और भारतीय संस्कृति की रक्षा करना है। यह यात्रा आदि शंकराचार्य की परंपरा को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ दो चरणों में पूरी की जाएगी।
- प्रथम चरण – इस यात्रा का आरंभ गुवाहाटी (असम) स्थित कामाख्या शक्तिपीठ से होगा और यह राजस्थान के जोधपुर तक पहुँचेगी।
- द्वितीय चरण – यह यात्रा रामेश्वरम (तमिलनाडु) से शुरू होकर कश्मीर स्थित आदि शंकराचार्य मंदिर पर समाप्त होगी।
महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी: एक विलक्षण संत
महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और समाज सेवा के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। वे पहली महिला संत हैं जो आदि शंकराचार्य की परंपरा में इस दिव्य यात्रा को पूरा करने जा रही हैं। उनका यह प्रयास धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को जाग्रत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चतुष्पथ यात्रा का सामाजिक प्रभाव
इस यात्रा का उद्देश्य न केवल धार्मिक जागरूकता फैलाना है बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक मूल्यों को सुदृढ़ करना भी है। इस अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक उत्थान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
चतुष्पथ यात्रा को सफल बनाने में मीडिया प्रभारी दुष्यंत प्रताप सिंह की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं। उन्होंने इस यात्रा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। उनके अनुसार, यह यात्रा ‘एक भारत, दिव्य भारत, अखंड भारत’ की संकल्पना को साकार करने का एक प्रभावी माध्यम बनेगी।
जनसमर्थन और प्रभाव
दुष्यंत प्रताप सिंह के अनुसार, यह यात्रा समाज के विभिन्न वर्गों से व्यापक समर्थन प्राप्त कर रही है। यह अभियान भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को मजबूती प्रदान करेगा तथा लोगों के बीच एकता, शांति और सौहार्द्र का संदेश फैलाएगा।
महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी की यह चतुष्पथ यात्रा सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इस यात्रा के माध्यम से भारतीय समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को नई ऊर्जा मिलेगी और यह अभियान सनातन परंपरा को सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।